वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट सीए जुल्फेश शाह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि लॉक्डाउन की वजह से सम्पूर्ण देश में आर्थिक गतिविधियाँ ठप पड़ गयी है.व्यापार-उद्योग जगत में जो बैंको से लोन लिया गया,उसकी किश्त एवं ब्याज चुकाने के लिए चिंता के बादल मंडरा रहे है.ऐसे में आज आरबीआई द्वारा लोन के विविद पहलुओं पे राहत देने की सकारात्मक घोषणा की गई. रेपो रेट में 90 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर ब्याज दरों में कटौती होने की संभावनाएं हुई है.
उसी प्रकार रिवर्स रेपो रेट एवं सीआरआर में भी कटौती कर बाजार में तरलता लाने की कोशिश की गई है.सभी प्रकार के टर्म लोन,रिटेल लोन्स, कांसुमर लोन्स की किश्त एवं ब्याज,ईएमआई जो 1 मार्च या उसके बाद देय हुई है या होनेवाली है उस पर 3 महीनों की मुद्दत बढ़ाने से कर्जदारों को राहत मिली है.
उसी प्रकार कॅश क्रेडिट ,ओवरड्राफ्ट इत्यादि वर्किंग कैपिटल फाइनेंस की ब्याज भरने के लिए 1 मार्च 2020 से लेकर आगे के 3 महीनों के लिए मुद्दत बढ़ा दी गई है,जिससे व्यापार-उद्योग जगत की चिंताएं फिलहाल के लिए कम हुई है और जिसे उनका एकाउंट एनपीए होने से बच जाएगा .
हालांकि आरबीआई ने खुलासा किया कि क्रेडिट कार्ड पेमेंट पर कोई भी राहत नहीं दी गई है जिसे की क्रेडिट कार्ड्स होल्डर्स की डेय टाइम पर चुकानी होगी.वर्किंग कैपिटल मार्जिन को कम करने के निर्देश देते हुए आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि कश क्रेडिट/ओवरड्राफ्ट एकाउंट्स को अतिरिक्त ऋण मंज़ूर करे जिससे उनकी वर्किंग कैपिटल साईकल ठीक से चल पाएंगी.
सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि इन सब का प्रभाव कर्जदारों की क्रेडिट हिस्ट्री/सिबिल रिपोर्ट पर नहीं पड़ेगा एवं उनका रेटिंग डिफॉल्ट में नही आयेगा.अब सभी बैंकों को अपना निर्णय लेते हुए आरबीआई निर्देशो के तहत शीघ्र घोषणा करनी होगी.आरबीआई ने सभी डेपोसिटर्स को भी विश्वास दिलाते हुए कहा कि सभी बैंकों में उनका पैसा सुरक्षित है .
कुल मिलाकर बहुत ही सकारात्मक,साहसी एवं राहतपूर्ण घोषणाओं से आरबीआई ने एक ठोस निर्णय लेते हुए सभी स्टेक-होल्डर्स के लिए चिंता कम करने का प्रयास किया गया है.
