नागपुर: मनुष्य और परमात्मा के बीच की कड़ी गुरु हैं. गुरु के माध्यम से परमात्मा के पहुंचने का मार्ग सुगम हो जाता है. हर किसी के जीवन में गुरु होना ही चाहिए. गुरु पर पूरी तरह से भरोसा करने वाले को मार्ग मिल ही जाता है. मन में भरोसा होगा तभी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. उक्त विचार रामाश्रम सत्संग मथुरा के आध्यात्मिक सत्संग में आचार्यों ने व्यक्त किए.
3 दिवसीय सत्संत गुरुवार को चिखली रेवले क्रासिंग के पास भंडारा रोड स्थित हार्दिक लान में आरंभ हुआ. कार्यक्रम के लिए जहां पूरे देश के आचार्य आए हुए हैं, वहीं हजारों की संख्या में भक्त भी पहुंचे हैं. आचार्य ने कहा कि 24 घंटे में से 23 घंटे शरीर को दो, लेकिन 1 घंटा मन के लिए रखना चाहिए. यही 1 घंटा परमात्मा की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा. सत्संग एक एेसी गंगा है, जिसमें डुबकी लगाने से मनुष्य संकट कटते हैं और अशांति और तपन दूर हो जाती है.
सत्संग के जरिए मनुष्य उन्नति की ओर अग्रसर होता है. रहन सहन, स्वभाव में भी परिवर्तन आ जाता है. गुरु परमसंत डा. चतुर्भुज सहाय ने साधना शैली इजाद की है. उस पर ध्यान भी लगाया गया. 30 मार्च को सुबह 8.30 से 10 और रात 7.30 से 9.30 तक एवं 31 मार्च को सुबह 8.30 से 10.30 बजे तक भजन, प्रवचन और ध्यान होगा. रामाश्रम सत्संग परिवार नागपुर के रामस्वरूप अग्रवाल के मार्गदर्शन में अनंत अग्रवाल, तुला राम अग्रवाल, अरुण अग्रवाल, सुशील बंसल, प्रदीप बंसल, जितेंद्र चौरे कार्यरत हैं.