नागपुर – बुजुर्ग माता पिता को बेटे द्वारा घर से बेदखल करने का मामला सामने आने के बाद गोधनी रोड के वासवी आर्केड के दिव्यनगरी में रहनेवाले राजकुमार रामदयाल पांडे के बेटे राजेश पांडे और उनकी पत्नी रिनी पांडे ने सभी लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए आरोपों का खंडन किया है. राजेश ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिता के नाम कुछ दिन पहले सोनेगांव पुलिस स्टेशन से समंस आया था. क्योकि उन्हें शिवनगाव के घर में शौचालय बनाने के लिए 8 हजार रुपए सरकार की ओर से दिए गए थे. लेकिन उन्होंने शौचालय नहीं बनवाया और पुरे पैसे खर्च कर दिए. समंस घर में आने के बाद उन्होंने इसकी जानकारी अपने बेटे राजेश को दी. राजेश ने अपने पिता को महीने के दो हजार रुपए के हिसाब से लक्ष्मी नगर झोन में जाकर पैसे जमा करने के लिए कहा था. उनकी पत्नी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने अपने सास ससुर से इस बारे में चर्चा की. इसी बात को लेकर विवाद हुआ तो राजेश ने अपनी पत्नी को शांत कराया और ऑफिस के लिए चले गए. जिसके बाद उन्हें फ़ोन पर जानकारी मिली कि उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती किया गया है. क्योकि उन्होंने विवाद के चलते ज्यादा प्रमाण में दवाईयां खा ली है. राजेश ने बताया की उनकी पत्नी प्रेग्नेंट है. अस्पताल में पहुंचने पर उनकी पत्नी का इलाज होने के बाद वो ठीक हुई. उन्होंने बताया की जब पुलिस उनकी पत्नी का बयान लेने आयी तो उन्होंने पुलिस को अपने सास ससुर से हुए विवाद के बारे में जानकारी नहीं दी.
राजेश ने आगे जानकारी देते हुए बताया की 17 तारीख को सुबह मेरे माता पिता ने बेटी के घर चार से पांच दिन रहने की बात कही तो राजेश ने उन्हें राशन और डेढ़ हजार रुपए भी दिए. बावजूद इसके उनके माता-पिता ने उनकी बेटी के बहकावे में आकर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. राजेश का कहना है कि पुलिस स्टेशन में भी उनके माता पिता समझौता करने को तैयार थे. लेकिन उनकी बेटी और जीजा ने ऐसा नहीं होने दिया. राजेश का कहना है कि वे अपने माता पिता को किराए का कमरा, महीने राशन और माँ की हर महीने की दवाईयो का खर्च देने के लिए तैयार है. लेकिन उनके पिता उनसे महीने के 20 हजार रुपए मांग रहे है. जो कि उनके लिए देना संभव नहीं है. राजेश का कहना है कि माता पिता के साथ मारपीट करने के आरोप को भी उन्होंने झूठा करार दिया.
राजेश ने अपने पिता द्वारा प्रॉपर्टी और रिटायरमेंट के पैसे देने के आरोप के बारे में जानकारी देते हुए बताया की रेनबो कंपनी में उनके पिता को केवल 3300 रुपए वेतन मिलता था. जिसमे घर चलाना ही मुश्किल है. तो ऐसे में उन्होंने मुझे कहा से प्रॉपर्टी दी. रिटायरमेंट के बाद उनके पिता को 90 हजार रुपए मिले थे. उसमे से 60 हजार रुपये उन्होंने राजेश को दिए थे. जबकि 2003 में जब उनका एक्सीडेंट हुआ था तो राजेश ने उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया था जहांपर उन्हें करीब 1 लाख रुपए इलाज में खर्च किए थे. राजेश का कहना है कि उनके माता पिता को वे ही हर महीने खर्च के लिए पैसे देते आए है. जिसके कारण उनके पिता द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को राजेश पांडे ने बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि वे अभी भी अपने मांबाप को रूम किराए से लेकर देने के लिए, महीने का राशन और महीने की माँ की दवाइयां लेकर देने के लिए तैयार है.