Published On : Fri, Dec 21st, 2018

रेलवे हॉस्पिटल की लापरवाही से लोको पायलट की मौत का साथी कर्मियों ने लगाया आरोप

Advertisement

हंगामे के बीच पुलिस से मिला कार्रवाई का आश्वासन

नागपुर: नागपुर के मध्य रेल चिकित्सालय में लोको पायलट की मृत्यु होने के कारण मृतक के साथी कर्मचारियों लोको-पायलटों ने अस्पताल प्रशासन और मध्य रेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. इसके लिए हॉस्पिटल के विरोध में कर्मचारियों ने इस लापरवाही का विरोध भी किया. जानकारी के अनुसार मृतक शशांक बाबू सहारे नागपुर रेलवे में लोको पायलट थे. 3 दिन पहले उन्हें चेस्ट पेन हुआ था.

Gold Rate
15 May 2025
Gold 24 KT 92,100/-
Gold 22 KT 85,700/-
Silver/Kg 94,800/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

जिसके बाद उन्होंने तिरपुडे हॉस्पिटल में जांच की. वहां से जरीपटका के जनता हॉस्पिटल में भी जांच की. उनका इको निकालने पर उनके हार्ट पर सूझन बताई गई. जब वे रेलवे के हॉस्पिटल में पहुंचे तो यहां के डॉक्टरों ने पहले के निकाले गए इको के रिपोर्ट नहीं देखे. रेलवे हॉस्पिटल प्रशासन ने फिर से ईसीजी निकाली जो कि नॉर्मल निकली. मृतक के साथियों के अनुसार रेलवे डॉक्टरों ने बहोत सामान्य व्यवहार किया शशांक के साथ जबकि उनको सख्त इलाज की जरूरत थी. डॉक्टरों द्वारा मृतक शशांक को सर्द और खासी की दवाई देने का भी आरोप साथी कर्मियों ने लगाया है.

पिछले 3 दिनों से वे यहां भर्ती थे. कल रात को 2 बजे के करीब वे बाथरूम गए और वहां पर गिर गए. जब इस बारे में नर्स को हॉस्पिटल के ही एक ने जानकारी दी कि मरीज बाथरूम में गिरा हुआ है. तो नर्स द्वारा उससे कहा गया कि जाकर उसे उठाकर लाओ. काफी देर बाद अटेंडेंट द्वारा शशांक को लाया गया. तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.

सुबह जब इस बारे में सहारे के साथी कर्मियों को पता लगा तो वे हॉस्पिटल पहुंचे. वहां से वे सीधे हॉस्पिटल प्रशासन और रेलवे प्रशासन की लापरवाही के विरोध में एफआईआर दर्ज कराने सदर पुलिस स्टेशन पहुंचे . लेकिन सदर पुलिस ने कहा कि बिना पोस्टमॉर्टेम के एफआईआर नहीं होती है. इसके बाद सभी ने रेलवे हॉस्पिटल के बाहर हंगामा कर अपनी नाराजगी व्यक्त की. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पहुंचने के बाद सभी रेलवे कर्मियों को आश्वासन दिया गया.

जानकारी के अनुसार रेलवे में लापरवाही कोई नई बात नहीं है. डेढ़ साल पहले भी एक लोको पायलट संदीप पाणबुडे और हर्षल गजभिए की भी मृत्यु लापरवाही के चलते हुई थी. मृतक शशांक दीक्षित नगर में रहते थे और उनकी 13 साल की नौकरी बाकी थी.

Advertisement
Advertisement
Advertisement