Published On : Fri, Dec 7th, 2018

विवादित पीडब्ल्यूडी अधीक्षक अभियंता को वापस लाने विधायक और एक वरिष्ठ पत्रकार ने लगाई फील्डिंग

Advertisement

कर्मचारियों ने अधिकारी को दोबारा लौटाने पर दी आंदोलन की चेतावनी

नागपुर: सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग के विद्युत मंडल के अधीक्षक अभियंता की हठ इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल तबादले के आदेश आने के बाद भी अधीक्षक अभियंता कुर्सी का मोह छोड़ने तैयार नहीं. यही वजह है कि उनकी जगह आए नए अधीक्षक अभियंता को केबिन के बाहर ही कामकाज करने पर मजबूर होना पड़ा था. अब इस विवादित अधिकारी को वापस लाने शहर के दो विधायक समेत शहर के एक विरिष्ठ पत्रकार ने फ़ील्डिंग लगाई है.

Gold Rate
03 June 2025
Gold 24 KT 97,200/-
Gold 22 KT 90,400/-
Silver/Kg 101,000/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

लेकिन इस बीच विभाग के कर्मचारियों ने पुराने अधीक्षक अभियंता को वापस भेज जाने की सूरत में आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दे डाली है. बताया जा रहा है कि इस तबादले को रोकने के लिए विधायक, उसके बेटे समेत एक वरिष्ठ पत्रकार ने मिलकर २५ लाख में तबादला रुकवाने की डील की है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जंग में जीत किसकी होती है, कर्मचारियों की या फ़ील्डिंग लगानेवालों की.

प्रादेशिक विद्युत मंडल के अधीक्षक अभियंता आर. आर. आकुजवार की पुलिस गृहनिर्माण व कल्याण महामंडल में तबादला हुआ है. इसका आदेश 14 नवंबर को ही जारी हो चुका था. नागपुर में इंडियन रोड कांग्रेस के अधिवेशन के आयोजन को देखते हुए नए अधीक्षक अभियंता हेमंत पाटील को तत्काल पदभार लेने के लिए कहा गया. लेकिन लगातार टालमटोल किए जाने से वे पदभार नहीं ले पाए थे.

आकुजवार नागपुर में 2013 से कार्यभार देख रहे हैं. यही नहीं इससे पहेल 2006 से उनके पास अतिरिक्त कार्यभार भी था. बताया जाता है कि उनके कामकाज के व्यवहार से ठेकेदारों से लेकर कर्मचारियों तक परेशान थे.

इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके जाने के बाद विभाग के कर्मचारियों ने उनके कक्ष को गोमूत्र छिड़कर शुद्ध किया और ऐसे अधिकारी के न लौटने की प्रार्थना की.

बीते १३ सालों से इस पद पर बने रहने के बाद आकुलवार को ऐसा भम्र हो गया था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. उस दौरान शहर के ही दो भाजपा विधायकों ने इसकी शिकायत कर दी. इसके बाद बदली होने पर भी आकुलवार दो दिनों तक केबिन ख़ाली करने राज़ी न हुए. आला अधिकारियों के आदेश मिलने पर ही उन्होंने कक्ष छोड़ा. लेकिन मुंबई में शिफ्ट किए जाने पर भी अब तक उन्होंने पदभार नहीं लिया.

इस बीच उन्हें दोबारा नागपुर लाने के लिए कुछ विधायकों ने मांग की है. लेकिन विभाग के कर्मचारियों ने उनको दोबारा नागपुर भेजे जाने पर आंदोलन की चेतावनी दे डाली है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement