जलयुक्त शिवार योजना महाजुमला
नागपुर: राज्य के जाने माने अर्थशास्त्री प्रा. एच.एम. देसरडा ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट जलयुक्त शिवार और समृद्धि महामार्ग को कटघरे में खड़ा किया है। महाराष्ट्र राज्य अकाल निवारण मंडल के उपाध्यक्ष और राज्य नियोजन मंडल के पूर्व सदस्य प्रा देसरडा के मुताबिक समृद्धि महामार्ग से किसान बर्बाद हो जायेंगे। इसका किसानों को कभी फायदा नहीं होगा।
एमआयडी बंद हो रहे है इसलिए रास्तो पर आधारित उद्योग विकसित होंगे यह धारणा गलत है। समृद्धि महामार्ग में ढाबे और डांस बार ही खुलेंगे। इसी तरह जलयुक्त शिवार योजना को उन्होंने बोगस योजना करार दिया । देसरडा के मुताबिक इस योजना के तहत पिछले तीन वर्ष में 16 हजार गाँवो में पांच लाख से अधिक काम किये गए जिसके लिए 11 हजार करोड़ रूपए खर्च किया गया।
इन कामों की वजह से 22 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता बढ़ने का दावा सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष बारिश न होने की वजह से अकाल की स्थिति आयी है तो इस योजना के तहत किये गए कामों का क्या फायदा निकला। ये योजना बोगस है अगर इसे बीजेपी की भाषा में कहे तो एक महाजुमला है।
राज्य में पानी की भीषण समस्या है। किसानो की हालात बेहद चिंताजनक है। ये स्थिति सरकार की गलत नीतियों की वजह से पैदा हुई है।बीते 60 वर्षो में तीन लाख करोड़ से अधिक सिंचन के लिए खर्च किया गया। इसके बावजूद एक वर्ष पानी न गिरे तो सूखे की स्थिति आ जाती है।