नागपुर: शहर में तेजी से बढ़ रही रूफटॉप रेस्टोरेंट्स की संस्कृति अब खतरे की घंटी बन चुकी है। फायर सेफ्टी नियमों की खुल्लमखुल्ला अनदेखी करते हुए नागपुर के 22 रूफटॉप रेस्टोरेंट्स बिना किसी आवश्यक अनुमति के संचालन कर रहे हैं। रामदासपेठ, सदर, अमरावती रोड, धरमपेठ और कॉटन मार्केट जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में ये रेस्टोरेंट्स खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन, प्रशासन मौन
नगर निगम के अग्निशमन और आपातकालीन सेवा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इन 22 रेस्टोरेंट्स में से किसी के पास न तो भवन योजना की मंजूरी है और न ही अग्निशमन सुरक्षा का प्रमाण पत्र। इनमें से 15 रेस्टोरेंट्स में तो न्यूनतम अग्निशमन यंत्र तक मौजूद नहीं हैं। आपातकालीन निकास की कोई व्यवस्था न होना महाराष्ट्र फायर प्रिवेंशन एंड लाइफ सेफ्टी मेजर्स एक्ट का गंभीर उल्लंघन है।
नोटिस तक सिमटी कार्रवाई, फाइलें सरकार के हवाले
सूत्रों के मुताबिक, इन अनियमितताओं पर केवल खानापूर्ति की कार्रवाई हुई है। फायर डिपार्टमेंट ने केवल नोटिस जारी कर मामले को राज्य सरकार और सिटी प्लानिंग विभाग को सौंप दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन ने मामले से पल्ला झाड़ लिया है।
सजावट के पीछे छिपा मौत का खतरा
बीते कुछ वर्षों में रूफटॉप रेस्टोरेंट्स युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हुए हैं। लेकिन खूबसूरत नज़ारों और शानदार माहौल के पीछे एक भयावह सच छुपा है — सुरक्षा की घोर अनदेखी। एक चिंगारी या शॉर्ट सर्किट इन स्थानों को जानलेवा जाल में बदल सकता है।
केवल एक रेस्टोरेंट वैध, बाकी सब अवैध संचालन में लिप्त
चौंकाने वाली बात यह है कि इन 22 रेस्टोरेंट्स में से केवल एक के पास आवश्यक प्रमाणन मौजूद है। बाकी सभी बिना किसी लाइसेंस, भवन मंजूरी या अग्निशमन स्वीकृति के धड़ल्ले से चल रहे हैं।
अगर अब भी नहीं चेते तो देर हो जाएगी
अग्निशमन विभाग के पास सब कुछ जानते हुए भी कार्रवाई नाममात्र की हुई है। केवल रिपोर्ट बनाने और नोटिस जारी करने से हादसों को नहीं टाला जा सकता। यदि जल्द सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो नागपुर को किसी बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ सकता है — और तब जवाबदेही से कोई भी बच नहीं पाएगा।