
न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेंगे तो मस्जिद बन जायेगी। प्रधानमंत्री मन की बात करने रहते हैं। उन्होंने रामजी के मन की बात भी सुनना चाहिए। हद है कि मंदिर मामले में बार बार पूछने पर भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलता है। रविवार को धंतोली स्थिति VHP कार्यालय में पत्रकार वार्ता में डॉ. तोगडिया बोल रहे थे। उन्होंने रोजगार व किसान कर्जमाफी के मामले पर भी सरकार पर निशाना साधा।
राम को ही रहने को घर नहीं
डॉ.तोगडिया ने कहा,सब अपने मन की बात करते हैं। मैं भी करता हूं। कभी राम के मन की बात भी सुनें। हम सबके रहने के लिए घर है। पर अयोध्या में राम को ही रहने को घर नहीं है। कहा जाता है कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने पर राम मंदिर बनायेंगे। यही कहना था तो मंदिर के लिए आंदोलन किया ही क्यों था।
1984 में जब मंदिर आंदोलन साकार हुआ तब न्यायालय में अच्छा सा वकील नियुक्त कर लेते। आंदोलन की क्या आवश्यकता थी। न्यायालय से ही मंदिर बनना है तो लाखों लोगों को कारसेवा के लिए क्यूं बुलाया जाता है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की सरकारें मुद्दे से भटक गई हैं। तोगड़िया ने कार्यकर्ताओं से कहा कि यदि सरकार मंदिर नहीं बनवाएगी तो हिंदु एकत्रित होकर मंदिर का निर्माण कराएंगे।

 
			

 







 
			 
			
