Published On : Mon, Apr 1st, 2019

नागपूर की नागभूमि से आरएसएस का कब्ज़ा हटाने का करे संकल्प- प्रकाश आंबेडकर

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नागपुर- नागपुर शहर नागभूमि है लेकिन यहाँ पर आरएसएस वालों ने कब्ज़ा किया है. यह कब्ज़ा समाप्त करना है या नहीं यह हमने सोचना चाहिए. शहर के फुले शाहू आंबेडकरी विचारकों ने अगर निश्चय किया तो हम इनका कब्ज़ा हटा सकते है. इसको ज्यादा समय नहीं लगेगा.पैसा हो तो कोई भी नाटक कर सकता है. आंबेडकरी मूवमेंट में ऐसे बहोत है जो नाटक करते है. यह कहना है वंचित बहुजन आघाडी के प्रकाश आंबेडकर का. वे इंदोरा मैदान में आयोजित चुनावी सभा को सम्भोधित कर रहे थे. इस दौरान उनके साथ एआईएमआईएम के अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी समेत वंचित बहुजन आघाडी के नागपुर के उमेदवार सागर डबरासे और रामटेक की किरण पाटणकर मंच पर मौजूद थी.

इस समय आंबेडकर ने विरोधियो पर कहा कि यह अगर कार्यभूमि या कर्मभूमि हो तो समझ सकते है. लेकिन दोनों ही नहीं है. लेकिन फिर इलेक्शन लड़ा जा रहा है.चुनाव लड़ना यानी आर्थिक निति समझा जा रहा है. कई लोगों के लिए चुनाव गरीबी दूर करने का साधन है. कई लोगों को किसे बेचना होता है. यह उनका उद्देश्य होता है. अकोला में कांग्रेस ने पिछला उमेदवार ही फिर दिया है. इसके बाद वहां के मुस्लिम समुदाय ने मुझसे कहा कि यह कौम को बेचने निकला है. वहां की जनता ने निर्णायक भूमिका ली है.कई बार मतदाताओ को भी निर्णय लेने पड़ते है. परिस्थिति देखकर उमेदवार को देखकर निर्णय लेना होता है. नागपुर के लोगों ने निर्णय लेना चाहिए. बहुजन युवा आज भटक रहे है. वे हिंदुत्व संघटनाओ के पीछे लग गए है. आज उसमे से अनेक लोगों को यह पता चल रहा है की उनका उपयोग हो रहा है. कांग्रेस के लिए जमाई ख़ास है जनता ख़ास नहीं है. आंबेडकर ने जनता से आव्हान किया कि उनकी पार्टी का उमेदवार हारे या जीते वोट वंचित बहुजन आघाडी के उमेदवार को ही दे.

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने इस समय कहा की प्रधानमंत्री होकर नरेंद्र मोदी हिन्दू मुस्लिम की बात कर रहे है. अपने आपको चौकीदार कहनेवाले अपनी नौकरी बचाने के लिए पुरे देश में हिन्दू मुस्लिम के बीच नफरत फैला रहे है. वे भले ही प्रधानमंत्री है लेकिन वे अभी भी गुजरात के मुख्यमंत्री नजर आते है. हमें ऐसी सरकार लानी है जो बाबासाहेब के सविंधान पर भरोसा करता है. भाजपा वाले केवल सविंधान का नाम लेते है. उन्होंने सविंधान को कमजोर किया है. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने पत्र परिषद् की. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सबसे ज्यादा आत्महत्याएं विदर्भ में हुई है.

इस दौरान उमेदवार सागर डबरासे ने कहा कि बालासाहेब ने जो उनपर विश्वास दिखाया है. वे उस विश्वास पर खरा उतरेंगे. डबरासे ने वंचित बहुजन आघाडी को मतदान करने का आव्हान मौजूद लोगों से किया. उमेदवार किरण पाटणकर ने उमेदवारी देने के लिए आंबेडकर को धन्यवाद दिया. बाबासाहेब का कर्ज चुकाने के लिए वोट देने की अपील उन्होंने नागरिकों से की. इस समय सैकड़ो की तादाद में लोग मौजूद थे.