बिजली कटौती से लगाया ठिय्या
अमरावती। शुक्रवार की रात गोपाल नगर परिसर अंधेरे में डूब जाने से संतप्त प्रहार कार्यकर्ताओं ने बिजली कार्यालय में ठिय्या देकर रात गुजारी. महावितरण विभाग के अधिकारियों को फोन पर बिजली गुल होने की खबर देते रहे, लेकिन एक भी अधिकारी ने घटना की गंभीरता से नहीं लिया. जिससे प्रहार कार्यकर्ता ने लापरवाही अधिकारियों के निलंबन की मांग की है.
डीपी को आग और फोन स्विच ऑफ
गोपाल नगर परिसर में शुक्रवार की रात अचानक बिजली गुल हो गयी. रात 12 बजे तक बिजली नहीं आने से प्रहार कार्यकर्ता एमआयडीसी स्थित बिजली कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां एक भी अधिकारी उपस्थित नहीं था और डिपी को आग लगी दिखाई दी. कार्यकर्ताओं ने तुरंत राजापेठ पुलिस थाने में फोन किया. पुलिस बिजली कार्यालय पहुंची, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों की निंद नहीं खुली. रात 1 बजे के दौरान गुल्हाने नामक कर्मचारी आया, लेकिन उसने अधिकारी नहीं है ऐसा कहकर पल्ला झाड़ दिया. जिससे कार्यकर्ता और भी गुस्साएं और उन्होंने रात भर आफिस में ठिया देने का निर्णय लिया. प्रहारी कार्यकर्ता आफिस में ही फैन शुरु कर सो गये. सुबह 7.30 बजे जेई बमनोटे पहुंचे, तो उन्हें जमकर खरी खोटी सुनाई. बमनोटे ने तुरंत काम शुरु कर दिया, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से रात के समय यदि कोई बडा हादसा होता है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा इसका जवाब मांगते हुए कार्यकर्ताओं ने निलंबन की मांग की. आंदोलन कर्ताओं में धीरज जयस्वाल, सागर दिवान, पंकज शिंदे, कन्हैया जयस्वाल, गोलु अर्डक,रुपेश चपटे, मित्रवंद पुरोहीत, आनंद थोरात, सचिन शिरभाते, नितीन डगवार उपस्थित थे.
ऐसा हुआ तो विधायकों के घर में रात
गोपाल नगर परिसर में 66 केव्ही सबस्टेशन की बजाय अब 128 केव्ही सबस्टेशन चाहिए, क्योंकि क्षेत्र बढ जाने से बिजली का इस्तेमाल भी अधिक हो रहा है. जिसका पूरा लोड डिपी पर आता है. रात के समय कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं रहता हालांकि ऐसे समय एक अधिकारी तथा कार्यकर्ता जनता की शिकायतों के लिए कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य है,लेकिन जनता की शिकायतों से विधायक और सांसदों को कोई फर्क नहीं पड़ता है. इसलिए यदि ऐसा हुआ तो वह रात विधायकों के घर में बिताने की चेतावनी शहराध्यक्ष जयस्वाल ने दी है.