Published On : Wed, Dec 3rd, 2014

उमरखेड़ : पिंपलदरी आदर्श गाँव के नाम पर करोड़ों का चूना!

Advertisement

 

  • संस्था चालक-अधिकारियों में मिलीभगत
  • कृषि विभाग जानकारी देने से कर रहा टालमटोल
  • ग्रामीणों में घोटाले होने की चर्चाएँ

उमरखेड़ (यवतमाल)। प्रधानमंत्री आदर्श गाँव योजना के अंतर्गत पिंपलदरी को आदर्श गाँव के रूप में उभारने के लिए एक संस्था को अनुबंधित किया गया. वहीं नियंत्रण अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई, लेकिन संस्था-अधिकारियों की मिलीभगत से यहां निर्माण कार्य में घोटाला कर निष्कृष्ट कार्य किए जाने से सरकार को करोड़ों का चूना लगाए जाने की चर्चा ग्रामीण द्वारा की जा रही है. वहीं किए गए कार्यों की जानकारी माँगे जाने पर टालमटोल की जा रही है.

बता दें कि प्रधानमंत्री आदर्श गाँव योजना के अंतर्गत सरकार इसके अंतर्गत प्रसाधन गृह, स्वच्छ पेयजल, जमीन समतलीकरण, कृषि संबंधी 6 विभिन्न बांध, स्कूलें विषयक, बिजली विषयक, ग्राम पंचायत विषयक कार्य करवा कर ग्रामीणों को सुविधाएं उपलब्ध करवाती है.

इसी सिलसिले में पिंपलदरी को आदर्श गाँव के रूप में निर्माण करने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपयों का काम एक संस्था को दिया. इस पर नियंत्रण रखने अधिकारियों की टीम भी नियुक्त की गई, परंतु निर्माण में लगी सामग्री निकृष्ट दर्ज की होने से भारी भ्रष्टाचार किए जाने के मद्देनजर अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाये जाने के आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं.

वहीं संस्था ने कृषि विषयक कार्य भी किए. ग्रामीणों के अनुसार यदि कृषि विभाग की देखरेख में किया गया कार्य में भारी भ्रष्टाचार किया गया है. इसकी सुध लेकर कई सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी कृषि विभाग से सूचना अधिकार के तहत जानकारी माँगी, किंतु संबंधित अधिकारी जानकारी देने से टालमटोल कर रहे हैं.

इससे पूर्व पिंपलदरी गांव में जिलाधिकारी व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एक दिन निरीक्षण के लिए गाँव का दौरा किया. उस वक्त गांव में बनाए गए बांधों का उन्होंने निरीक्षण किया. ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं उनके समक्ष रखीं परंतु उन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. वहीं नियुक्त अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार से ग्रामीणों को दो-चार होना पड़ रहा है. ऐसे में आदर्श गाँव की वाट लगने से लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इसी तरह से आदर्श गाँव बनाने के लिए सरकारी नुमाइंदे अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे? जिसमें ग्रामीणों को असुविधाओं का सामना करना पड़े तो ऐसे आदर्श गाँव के निर्माण करने का क्या औचित्य रह जाएगा? ग्रामीणों ने इस मामले की सघन जाँच करवा कर गाँव में उचित निर्माण कार्य कर सुविधाएं उपलब्ध कराने की माँग कर रहे हैं.

Sansad Adarsh gram yojna

Representational Pic