Published On : Mon, Dec 4th, 2017

दीक्षांत समारोह में 769 विद्यार्थियों को दी पीएचडी

Advertisement


नागपुर: नागपुर यूनिवर्सिटी का 104वां दीक्षांत समारोह रविवार को रेशमबाग स्थित कविवर्य सुरेश भट्ट सांस्कृतिक सभागृह में संपन्न हुआ. इस समारोह में चारों विद्याशाखा जिसमें विज्ञान व तकनीकी विद्याशाखा, कॉमर्स व मैनेजमेंट विद्याशाखा, मानवविज्ञान विद्याशाखा, अंतर विद्याशाखीय अभ्यास विद्याशाखा के 769 विद्यार्थियों को पीएचडी डिग्रियां दी गई हैं. इस में विभिन्न परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले विद्यार्थियों को 296 गोल्ड मेडल्स, 42 सिल्वर मेडल्स, 100 पुरस्कार ऐसा कुल मिलाकर 438 मेडल्स और पुरस्कार इस दौरान दिए गए हैं. इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे मौजूद थे. जीएच रायसोनी लॉ स्कूल के विद्यार्थी साहिल श्याम देवानी को पांच वर्षीय पाठ्यक्रम (एलएलबी ) में सबसे ज्यादा 20 मेडल व पुरस्कार प्रदान किए गए. तो वहीं गोंदिया के धोटे बंधु विज्ञान महाविद्यालय की बीएससी की छात्रा निशा खोटले को 16 मेडल, जिसमें गोल्ड मेडल भी शामिल है. नागपुर के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय की तीन वर्षीय एलएलबी की छात्रा शीतल वासनिक को 14 मेडल और पुरस्कार प्रदान किए गए.

मानव-विज्ञान विद्याशाखा की (डी.लिट ) की डिग्री मराठी में डॉ. कादेरा तालिब शेख (जुल्फी ) को दी गई है. पाली प्राकृत में डॉ. मालती साखरे को यह डिग्री प्रदान की गई है. इस दौरान 20 मेडल व पुरस्कार प्राप्त करनेवाले साहिल से बातचीत की गई. साहिल ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिताजी श्याम देवानी और मां राजश्री देवानी भी वकील हैं, जिसके कारण उन्होंने भी लॉयर बनने की ठानी है. नागपुर से बाहर जाकर मौके ढूंढनेवाले युवाओं को साहिल ने सन्देश देते हुए कहा कि नागपुर में ही काफी मौके हैं, नागपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के काफी अवसर मिलते हैं. उन्होंने अपने जूनियरों के लिए कहा कि पढ़ाई मन लगाकर करें और ध्यानपूर्वक करें.

गोंदिया के धोटे बंधु विज्ञान महाविद्यालय की बीएससी की छात्रा निशा देवानंद खोटले को 16 मेडल व गोल्ड मेडल प्रदान किए गए. उन्होंने भी इसके लिए अपनी ख़ुशी जाहिर की.

तो वहीं 14 मेडल और पुरस्कार प्राप्त करनेवाली शीतल वासनिक एक गृहिणी हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पति के. दिवाकर और अपने माता पिता को दिया. उन्होंने बताया कि अभी उनकी प्रैक्टिस एडवोकेट प्रफुल मोगावकर के अधीन शुरू है. शीतल राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के सिटी ब्रांच की विद्यार्थी हैं. उन्होंने युवाओं और अपने जूनियर साथियों को संदेश देते हुए कहा कि रोजाना क्लास अटेंड करना चाहिए, कुछ भी पढ़ें लेकिन मन लगाकर पढ़ें. अगर किसी कारणवश हार भी होती है, तो फिर से कोशिश करें. शीतल के टीचर्स, प्रिंसिपल कोमावर ने भी उन्हें काफी मदद की. शीतल के आदर्श डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, उनके पति और उनकी माता है.

इस दौरान नागपुर यूनिवर्सिटी विभाग के ट्रेवल एंड टूरिज्म की पढ़ाई में सीजीपीए में 10 में से 10 अंक प्राप्त करनेवाले प्रोफेसर विश्वास सुरेश पाटिल ने बताया कि उन्होंने मर्चेंट नेवी में भी ड्यूटी की है. उसके बाद उन्होंने खुद का व्यवसाय शुरू किया. उन्होंने ट्रेवल एन्ड टूरिज्म के विद्यार्थियों के लिए बताया कि इस फिल्ड में काफी रोजगार की संभावनाएं हैं. दुनिया की सबसे ज्यादा जीडीपी में योगदान देनेवाला ट्रेवल एंड टूरिज्म ही है. भारत देश में इस विषय को लेकर काफी संभावनाएं हैं.