Published On : Mon, Sep 10th, 2018

बिग बजट मराठी फ़िल्म ‘मी हनुमंता रिक्शा वाला’ बनकर तैयार, भ्रस्टाचार से लड़ाई का देती है संदेश

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नागपुर: सिनेमा निर्माण में विदर्भ प्रगति कर रहा है। सिने जगत में यहाँ की पृष्ठ्भूमि से आने वाले कलाकार सिनेमा जगत में नाम कमा रहे है। मायानगरी मुंबई से निकलकर विदर्भ जैसे ईलाके में अच्छे ख़ासे बजट की फिल्मों का निर्माण हो रहा है। जिससे न केवल यहाँ के स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है बल्कि सिनेमा का व्यापक माहौल भी विकसित हो रहा है। इस वर्ष दीपावली के अवसर पर मराठी सिनेप्रेमियों के सामने मनोरंजन के लिए होगी फिल्म “मी हनुमंता रिक्शा वाला”,इस फिल्म की खासियत है की इसके सभी कलाकार विदर्भ के है। और लोकेशन भी विदर्भ की है। फिल्म में विदर्भ की संस्कृति के प्रदर्शन के साथ ही ऐसी जगहों को रुपहले पर्दे पर दर्शाया गया है। जो प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है और शायद कई लोगों ने इन जगहों को देखा भी न हो। इस फिल्म के केंद्रबिंदु में समाज की बुराई और भ्रस्टाचार है। फिल्म की कहानी उस ईमानदार रिक्शेवाले के इर्दगिर्द घूमती है जो अपने दम पर मित्रों के सहारे भ्रस्टाचारी नेता से लड़ाई लड़ता है। फिल्म में हिंदू मुस्लिम एकता,गरीबों पर हो रहे अन्याय को बखूबी दर्शाया गया है।

फिल्म के माध्यम से सिने जगत को विदर्भ की प्रतिभा से करना है अवगत
राज्य के छोटे से शहर गोंदिया के विनोदकुमार जैस्वाल ने इस फिल्म का निर्माण किया है। उनके मुताबिक इस फिल्म को बनाने में जितना खर्चा आया उतने में वो मराठी फिल्म इंड्रस्टी के किसी स्थापित कलाकार के साथ फिल्म बना सकते थे। काफ़ी पहले उन्होंने अविरल फिल्म प्रोडक्शन नाम से कंपनी बनाई थी। जब इस कंपनी का निर्माण हुआ तब ही उन्होंने सोच लिया था की उनके बैनर की पहली फिल्म मराठी होगी। उसके केंद्र में विदर्भ और कलाकार स्थानीय होंगे। इसी दिशा में बढ़ते हुए एक लंबी प्रक्रिया के तहत ऑडिशन हुआ। विदर्भ के कई भागों में ऑडिशन रखा गया। फिल्म में मुख्य पात्र निभानेवाला कलाकार चिरंजीव नक्सलप्रभावित जिले गढ़चिरोली का है। विनोद ने बताया की उनकी साईबाबा में गहरी आस्था है। वो उनके बताये मार्ग पर ही चलते रहे है। साई का रास्ता सच का है इस फिल्म में भी यही बताया गया है की सच की हमेशा जीत होती है। इस फिल्म में साई बाबा पर एक कव्वाली भी है जो भावुक कर देती है। विनोद ने इस फिल्म में छोटा सा रोल भी किया है।

कलाकार,गीतकार,संगीतकार सब विदर्भ के है
फिल्म के लेखक-निर्देशक हामिद पटेल खुद गोंदिया से ताल्लुख़ रखते है। उनका कहना है की सिर्फ तकनीक को छोड़कर विदर्भ के बाहर की किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं किया गया। फिल्म के गीतकार स्वर्गीय सलीम अख्तर,शशि तिवारी गोदिया के ही है जिले की छोटी सी तहसील तासगांव के क़व्वाल श्यामराव ने अपने गीत के साथ ही अपनी आवाज़ भी फिल्म में दी है। जबकि संगीत राजेश बिसेन का है।

राज्य भर में फिल्म होगी रिजील विदर्भ में बेहतर प्रतिसाद मिलने की उम्मीद
फिल्म की मार्केटिंग से जुड़े स्नेहल जैस्वाल ने बताया की इस फिल्म को बनाने में निर्धारित बजट से अधिक इन्वेस्टमेंट हो चुका है। बावजूद इसके विदर्भ के कलाकरों की प्रतिभा राज्य भर में पहुँचे इसके लिए फिल्म को सिलेक्टेड जगहों पर रिलीज करने का फ़ैसला लिया गया है। हमारा प्लान फिल्म को छत्तीसगढ़ में भी रिलीज करने का है। फिल्म को दिवाली के दौरान रिजील करने का प्लान हैजिसको लेकर डिस्ट्रीब्यूटर्स से बातचीत जारी है।आशा है यह फिल्म लोगों को पसंद आयेगी। फिल्म को लेकर ज्यादा से ज्यादा जानकारी लोगों तक पहुँचे इसके लिए मार्केटिंग की स्टेटिजी तैयार की गई है। अन्य माध्यमों से इतर सोशल मीडिया पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर रिजील किया जा चुका है जल्द ही सभी गानों को भी लॉन्च किया जायेगा। फेसबुक और अन्य प्लेटफोर में माध्यम से दर्शकों तक पहुँचा जा रहा है जहाँ लोगों का बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। फिल्म का प्रीमियर गोंदिया में ही किये जाने की तैयारी है।

क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म एक रिक्शेवाले के इर्दगिर्द घूमती है जो ईमानदार है। उसकी एक स्वाभिमानी बहन है गीता जो खुद एक पेट्रोल पंप में नौकरी करअपने भाई के संघर्ष में उसका साथ देती है। इसी बीच हनुमंता की जिंदगी में एक भ्रस्ट राजनेता से टकराव होता है। यह फिल्म इसी टकराव और संघर्ष के बीच अन्य मुद्दों को छूती हुई अंत में सच की जीत का संदेश देती है।