नागपूर– मॉब लिंचींग के कारण देश में फिर से आग भडक गई हैं. कही तरह के तर्कवितर्क लगाये जा रहे है,कु़छ समय तक तो ये मॉब लिंचींग हिंदू-मुस्लीम तक पहुच गई थी, गुरुवार महाराष्ट्र के पालघर जिले मे तीन साधूओ की कथीत तौर पर, बच्चे और अंग तस्कर बताकर मॉब लिंचींग की गई. जानकारी के मुताबिक वो तीनो मुंबई से गुजरात सुरत मे किसी के अंतिम संस्कार मे शामिल होने जा रहे थे. तभी पालघर के दुर दराज के आदिवासी बहुल दंडचींचले गांव के कुछ लोगो ने उनकी गाडी को रोक दिया,और उन पर पत्थरो, डंडे, रॉड से हमला शुरू कर दिया .
इस घटना के जो व्हिडिओ दिखाये जा रहे है,उसमे भगवा वस्त्र में नजर आ रहे पीडित जान बचाने के लिए पुलिस के पिछे छुपने की कोशिश कर रहे है . व्हिडिओ में वह पुलिस भी दिखाई दे रहे है. जब लोग उनके साथ मॉब लिंचिंग कर रहे है . इस केस मे अब तक 101 लोगो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और 9 नाबालिको को भी हिरासत मे लिया गया है . दो पुलिस वालो को भी इसमे सस्पेंड किया गया है.
मॉब लिंचिंग की यह भयानक घटना महाराष्ट्र के पालघर जिले के गंडचींचले गांव मे हुई. यह गांव आदिवासीबहुल दहानु तहसील मे पडता है, घटना वाली जगह राजधानी मुंबई से सिर्फ 140 किलोमीटर दूर है . इस गांव मे 93% अनुसूचीत जनजाती के लोग रहते है .
जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनो से इलाके मे इस तरह की अफवाहे उड रही थी,की इस क्षेत्र मे बच्चा चोर और अंग तस्कर सक्रिय हो गये हैं. इसके मद्देनजर स्थानीय गांववालों ने सजग-दस्ता तैयार किया था . दावो के मुताबिक इस अफ वाह की वजह से यहां मारपीट की दो घटना पहले भी सामने आ चुकी है. पिछले बुधवार को लोकल ऍक्टिवीस्ट विश्वास साल्वी और उनकी टीम आदिवासीबहुल सरणी गांव में लॉक डाऊन की वजह से लोगो के लिये राशन लेकर पहुंची थी तो उन पर भी हमला कर दिया गया था. एक पुलिस टीम उन्हें बचाने के लिए पहुंची तो उनपर भी पत्थरबाजी का दावा किया जा रहा है. यह घटना कासाथाना इलाके की है जहां साधूओ की मॉब लिंचींग की गई है. दस दिन पहले एक एसीपी अपनी टीम के साथ दादर नगर हवेली जाने की कोशिश कर रहे थे, तो ग्रामीणो ने उनके टीम पर भी हमला किया था. इस सारी घटनाओ का क्रम देखते हैं तो लोग इन अफवाहो से कितने डरे हुए थे, यह डर इनके दिलोदिमाग से निकाल कर, सभी को इस दहशत से मुक्ती दिलाई जा सकती थी जो हमने नही किया .
मॉब लिंचींग को लेकर देशभर में इस तरह से सवाल उठाये जा रहे और एक सांप्रदायिक तौर पर उसे मीडिया की विभिन्न नजर से देखा जा रहा है,वो ठीक नही है . पुलिस ने कार्रवाई कर इस मामले के आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है. गृहमंत्री ने उच्चस्तर कमेटी गठित कर सीआयडी से जांच के आदेश दिए हैं. ताकी इस घटना को सुलझाकर आरोपियों को कडी से कडी सजा दी जा सके ऐसी बात ऊन्होने पत्र परीषद मे की है.
देश मे यह पहली मॉब लिंचिंग नही है,आज तक देश में काफी घटना हो गई है, अखलाक, पहलुखान,इन्स्पेक्टर सुबोध सिंह , तथा गुजरात के ऊना की घटना को याद कीजीये . इस घटनाओ की देश मे चर्चा हुई पर क्या हुवा ? वो पहली कौन सी भीड थी जिसने चौराहे, गल्ली के बीच,गल्ली के मोड, सडक किनारे किसी महीला को डायन बताकर मार दीया . बच्चे को रोटी चोरी के आरोप में मार दिया गया था. वो कौनसा पहला जवान लडका था, जिसका भीड के हाथों कत्ल हो गया. वो कौन सी पहली लडकी थी जो प्रेम की सजा मे शहर के सर्किल पर भीड ने मारी,वो कौन से लोग थे जो उनका ‘ धर्म’ बताकर मारे गये. वो कौन से पहले तुम्हारे ‘ धर्म ‘ के थे जो भीड ने मार दिए. यह सब लोग कौन है, यह हमें पहले समझना होगा . इनके दिलों दिमागों मे ईतनी नफरत की आग कौन पैदा करता है वो भी समझना होगा . यह सभी बातें आज तक हम समझ गये होते तो ना मॉब लिंचींग होती, ना यह नफरत की आग लोगो मे होती . ना हम इन सभी को भीड के हाथो इतनी बेरहमी से मरने देते.
By डॉ. घपेश पुंडलिकराव ढवळे
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