Published On : Fri, May 7th, 2021

महाराष्ट्र में आनेवाले ऑक्सिजन टँकर्स गुजरात ले जाने की साजिश नाकाम

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नागपुर – महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों के बढते आकडों के साथ ऑक्सिजन की कमी हो रही हैं. इसलिए राज्य सरकार ने अलग अलग जगहो से ऑक्सिजन लाने कि शुरुवात की हैं. लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र में आनेवाले ऑक्सिजन टँकर्स गुजरात में ले जाने की साजिश सामने आयी है. इस घटना सें राज्य में सनसनी मच गई है.

भिलाई से महाराष्ट्र के नागपुर में ऑक्सिजन के चार टँकर्स आ रहे थे. मगर यह टँंकर चुपचाप गुजरात की ओर ले जाने का मामला सामने आया हैं. 5 मई को दो ऑक्सिजन टँकर्स गोदिया जिले के देवरी बॉर्डरपर पकडे गये, वही 6 मई को दो टँकर्स औरंगाबाद और जालना के बिच पकडे गये. अब यह चारों ऑक्सिजन टँकर्स नागपुर प्रशासन के कब्जे में हैं.

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महाराष्ट्र के साथ गुजरात में भी कोरोना की महामारी फैली हुई है. इस कारण वहा भी ऑक्सिजन की कमी महसूस हो रही है. मगर महाराष्ट्र के हिस्से के ऑक्सिजन टँकर गुजरात में किसके कहने पर जा रहे थे, यह सवाल उपस्थित हुआ हैं.

राज्य में ऑक्सिजन की कमी होगी दुर

राज्य में ऑक्सिजन की जरुरत पुरी करने के लिए राज्य शासन की ओर से कोशिश जारी है. राज्य में जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेजेस, निजी अस्पतालों में हवा में सें ऑक्सिजन लेकर वह मरीजों तक पहुचाने वाली सिस्टिम (पीएसए) लगाना शुरू हैं. अब तक लगभग 38 पीएसए प्लांट शुरू होकर इसके द्वारा हरदिन लगभग 53 मेट्रिक टन ऑक्सिजन का निर्माण हो रहा है, ऐसी जानकारी स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने दी.

राज्य में कोरोना कि दुसरी लहर का मुकाबला करते समय ऑक्सिजन की जरुरत भारी मात्रा में बढ गई हैं. 1250 मेट्रिक टन ऑक्सिजन का राज्य में निर्माण हो रहा है, पर अब इसकी मांग 1750 मेट्रिक टन इतनी हो गई हैं. इस बढती मांग को पुरा करने के लिए बाहरी राज्यों से ऑक्सिजन लाने के साथ साथ यहा पर भी ऑक्सिजन निर्माण करने हेतू हवा में से ऑक्सिजन निकाल कर मरीजों तक पहुचाने के तकनीक के आधार पर प्लांट शुरू करने के निर्देश राज्य शासन ने दिए है, ऐसा स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने कहा हैं.

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