Published On : Thu, Jul 8th, 2021

यौगिक श्वसन प्रक्रिया पर ऑनलाइन कार्यशाला

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नागपुर: हम जानते हैं कि कोरोना महामारी से उबरने के लिए कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है। आपकी श्वसन प्रक्रिया कैसी होनी चाहिए और इसे मजबूत करने के लिए योगिक श्वसन कितना महत्वपूर्ण है, इस पर अंतर्राष्ट्रीय योग कक्षा द्वारा ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया था। मुख्य वक्ता नागपुर के नेचुरोपैथी व योगा थेरेपिस्ट (naturopathy yoga therapist), योग शिक्षक डॉ. प्रवीण डबली उपस्थित थे।

डॉ. प्रवीण डबली ने बहुत ही सुंदर तरीके से योग और प्राणायाम का अभ्यास कराया। सरल, सीधी, भाषा में योगिक श्वास के महत्व को विषद किया जिसे हर कोई समझ सके। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से योग ध्यान और प्राणायाम की विस्तृत जानकारी दी।
मानव जीवन में योगिक श्वास का महत्व समझाया।

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डॉ. डबली ने सभी योग साधको से योगिक श्वसन की प्रक्रिया करवा ली। डॉ डबली ने अपने संबोधन में कहा कि एक व्यक्ति सामान्य रूप से एक मिनट में 15 से 16 बार सांस लेता है। और दिन में 21600 बार सांस लेता है। लेकिन प्राणायाम और योगिक श्वास के कारण इसकी मात्रा को कम किया जा सकता है। जो दिमाग को शांत करता है, शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। उन्होंने जानवरों का उदाहरण देकर श्वसन की प्रक्रिया को समझाया।

उन्होंने योगिक श्वास के लाभों के बारे में बताया। उनकी क्लास जरूर याद की जाएगी। उनके मार्गदर्शन ने सभी योग साधकों को अनुभव करने में सक्षम बनाया। योग साधकों ने उनसे महिलाओं के लिए विशेष कक्षाएं लेने का भी अनुरोध किया। इस अवसर पर डॉ. प्रवीण ने योग साधकों की शंकाओं का भी अत्यंत प्रासंगिक तरीके से समाधान किया।

इस कार्यक्रम में सिंगापुर और जापान सहित विभिन्न देशों के 89 योग साधकों ने ऑनलाइन भाग लिया। इस कार्यशाला से कम से कम एक हजार योग साधक लाभान्वित हुए। डॉ राजू डांगे ने डॉ. प्रवीण डबली को ऑनलाइन प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।उन्होंने अपने सभी योग साधकों की ओर से आभार भी व्यक्त किया।

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