Published On : Tue, Apr 23rd, 2019

चोरी की बिजली से चल रही फ़ैक्ट्री पर एसएनडीएल का छापा

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रहवासी बिल्डिंग के ऊपरी 2 माले पर चल रही थी कोट बनाने की फ़ैक्ट्री, लगभग 30 किलोवॉट लोड सीधे पोल से चुराया जा रहा था, बिजली चोरी मेंलिप्त ग्राहक पर एसएनडीएल ने लगाया रु. 11.2 लाख का जुर्माना (असेसमेंट) और रु. 1.5 लाख कंपाउंडिंग चार्ज

नागपुर: शहरी क्षेत्र के एक बड़े भाग को विद्युत आपूर्ति प्रदान करने वाली फ़्रेंचाईज़ी कंपनी एसएनडी लिमिटेड नागपुर को आज सुबह मोमिनपुरा क्षेत्र में बड़े स्तर पर हो रही बिजली चोरी के मामले में सफलता हाथ लगी है। टीम द्वारा लंबे समय से हंसापुरी स्थित एक ट्रांस्फ़ॉर्मर पर नज़र रखी जा रही थी जिसमें अत्याधिक लॉस (विद्युत हानि) बताए गए हैं। स्रोतों द्वारा सूचना दी गई थी कि 17/23 कसाबपुरा, हंसापुरी इस पते पर स्थित परिसर द्वारा उपयोग की जा रही बिजली की मात्रा और उसके मीटर के अनुसार उसकी बिलिंग में बड़ी तफावत है। विश्वस्त इन्‌फॉर्मर द्वारा यह भी बताया गया था कि बाहर से रिहायशी दिखने वाली बिल्डिंग के अंदर किसी प्रकार की फैक्ट्री है। आगे की जांच में पता चला कि इस इतने बड़े परिसर में केवल एक सिंगल फेज़ कनेक्शन लिया गया था जो कि किसी मो. याकूब मो. ताहिर के नाम पर था। कनेक्शन सन्‌ 1972 में दिया गया था और आगंतुकों को बताया जाता था कि तीनों फ्लोर पर एक ही कनेक्शन से सप्लाई दी जाती है। संदेह तब हुआ जब बिलिंग में पाया गया कि पूरे परिसर की कुल खपत औसत से भी कम थी और यह निष्कर्ष निकाला गया कि ग्राहक अवश्य ही बिजली चोरी कर रहा है।

दक्षता कारवाई की जानकारी:
इस विशेष रेड हेतु 10 लोगों की टीम को तैयार किया गया जिसमें एक सीनियर इंजीनियर के अलावा 2 इंजीनियर, 2 महिला एक्झीक्यूटिव, 2 टेक्नीशियनऔर एक सुपरवाइज़र को शामिल किया गया। संवेदनशील क्षेत्र के मद्देनज़र ये सभी इस कार्रवाई के पहले आज दिनांक 22 अप्रैल 2019 को प्रातः 10 बजे एक स्थान पर एकत्रित हुए। किसी भी अप्रिय परिस्थिति के उत्पन्न होने की आशंका को देखते हुए तहसील पुलिस को पूर्व-सूचना भी दी गई थी। इसके उपरांत, टीम ग्राहक के परिसर पर पहुँची और अपने आई-कार्ड दिखाकर आगे की कार्र्वाई हेतु प्रवेश किया। पाया गया कि परिसर में केवल ग्राउंड फ्लोर को मीटर द्वारा सप्लाई प्राप्त हो रही थी और बाकी दोनों ऊपरी मालों पर बग़ैर मीटर सीधे सप्लाई जा रही थी। साथ ही यह भी देखा गया कि बहुत ही शातिर ढंग से नज़दीकी पोल से एक डायरेक्ट तार डाला गया था जिससे किसी को भी यह अंदाज़ा न हो कि परिसर में बिजली चोरी की जा रही है। जब एसएनडीएल की टीम ऊपरी मंजिलों पर गई तो वहाँ व्यापक स्तर पर चालू काम और इलेक्ट्रिक सिलाई मशीनें आदि देख के हैरत में पड़ गई।

पूछताछ करने पर पता चला कि मो.कुरैशी मो. तौफीक नामक एक व्यक्ति कई वर्षों से ऊपरी मंजिलों पर कोट आदि बनाने की फ़ैक्ट्री चला रहे हैं जो कि मूल ग्राहक के रिश्ते में हैं। यहाँ कुल मिलाकर 51 सिलाई मशीनें , 34 इस्त्री मशीन (प्रेस) आदि (सभी विद्युत चलित) रेड के समय उपयोग में लाई जा रही थीं। कुल मिलाकर लगभग 30 किलोवॉट विद्युत भार कनेक्टेड पाया गया। अतः, विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 और 138 के अंतर्गत विद्युत चोरी का केस उक्त फैक्ट्री मालिक पर दर्ज किया ग्या है। ग्राहक को प्रस्तुत आंकलन के अनुसार रु. 11.2 लाख के असेसमेंट (दंड) के अलावा रु. 1.5 लाख की कंपाउंडींग भरने के लिए कहा गया है। परिसर में मौजूद सिंगल-फेज़ के मीटर के साथ साथ बिजली चोरी में उपयोग की जा रही सर्विस केबल को ज़ब्त किया गया और परिसर की आपूर्ति खंडित कर दी गई है। दक्षता पथक की इस कार्र्वाई के समय इस फैक्ट्री में लगभग 40 कारीगर मौजूद थे। दक्षता पथक ने अपनी कार्र्वाई प्रातः 10.40 पर आरंभ की जो दोपहर 1.35 पर पूरी हुई।

एसएनडीएल के प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके दक्षता पथक के पास हाल ही में वितरण फ़्रेंचाईज़ी क्षेत्र के कई और ऐसे परिसरों की जानकारी हाथ लगी है जहाँ बड़े स्तर पर बिजली चोरी की जा रही है। इन परिसरों की जांच पड़ताल की जा रही है और जल्द ही इसपर आगे की कार्र्वाई की जाएगी।