Published On : Sat, May 18th, 2019

नवेगांवबांध के जंगल में जख्मी मिला तेंदूआ

आपसी संघर्ष में हुआ जख्मी या शिकारियों ने किया घायल

गोंदिया: गोंदिया जिले को निसर्ग का वरदान है। नागझिरा अभयारण्य व नवेगांवबांध राष्ट्रीय उद्यान से सटे परिसर में बड़ी संख्या में वन्यजीव खुले जंगल परिसर में विचरण करते हुए दिखायी देते है। कई अवसरों पर आपसी वर्चस्व की लड़ाई को लेकर वन्यप्राणियों में खूनी संघर्ष छिड़ जाता है, जिससे वन्यजीवों के घायल होने की खबरें प्राप्त होती है। इतना ही नहीं अभयारण्य से सटे वनपरिक्षेत्र में विद्युत प्रवाहित तारों का जाल बिछाकर करंट देकर अथवा जंगल के भीतर मौजुद जंलकुभों के पानी में कीटकनाशक (जहर) घोलकर वन्यप्राणियों का शिकार भी कर देते है।

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ताजा घटना नवेगांवबांध राष्ट्रीय उद्यान वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले बाराभाटी के सिलेझरी क्षेत्र में स्थित येरंडीदेवी गांव से सटे संरक्षित वनकक्ष क्र. 730 में 15 मई को घटित हुई। यहां एक मादा तेंदूए के जख्मी अवस्था में पाये से परिसर में खलबली मच गई। ग्रामीणों से मामले की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्रिय वनाधिकारी व पशु वैद्यकीय चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची और प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) नागपुर को मामले से अवगत कराने के बाद जख्मी अवस्था में पड़े मादा तेंदूए को पकड़ने से पहले बेहोशी का इंजेक्शन देकर उसे मुर्छित किया गया जिसके बाद कब्जे में लिए गए तेंदूए को उपचार हेतु फॉरेस्ट दफ्तर लाया गया। इस मादा तेंदूए की उम्र एक वर्ष बतायी जाती है जिसके कंधे पर जख्मों के गहरे निशान है। बहरहाल नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प के पशु वैद्यकीय अधिकारियों ने जख्मी तेंदूए की प्राथमिक जांच की तत्पश्‍चात उसे वन्यजीव बचाव व उपचार केंद्र में आगे के इलाज के लिए भेज दिया है।

इस राहत बचाव कार्रवाई में नवेगांवबांध वनपरिक्षेत्र के क्षेत्रिय कर्मचारी, गोंदिया वनविभाग वन्यप्राणी बचाव पथक व नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प के वन्यप्राणी बचाव पथक ने सहकार्य किया एैसी जानकारी गोंदिया वनविभाग के उपवनसंरक्षक द्वारा दी गई है।

– रवि आर्य

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