Published On : Fri, Dec 5th, 2014

काटोल : अब शिवसेना विदर्भ राज्य को समर्थन दे

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  • काटोल के विधायक आशीष देशमुख ने की गुजारिश
  • कहा : संयुक्त महाराष्ट्र रहते विदर्भ का विकास नहीं हो सकता
  • बालासाहेब ठाकरे ने 1996 में रामटेक की जाहिर सभा में की थी हिमायत

Dr. Ashish Dshmukh
काटोल। विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में भाजपा ने सरकार बनाकर अपना बहुमत सिद्ध किया. कई राजनीतिक उथल-पुथल के बाद भाजपा ने सहयोगी दल शिवसेना को सत्ता में शामिल कर गठबंधन अटूट होने के संकेत दिए. दोनों  दलों के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं. स्वतंत्र विदर्भ राज्य के विषय में कहा जाए तो शिवसेना ने विदर्भ का विरोध ही किया है. शिवसेना का मत रहा कि झारखण्ड, उत्तराखण्ड और छत्तीसगढ़ की कसौटी पर न विदर्भ को न रखें. शिवसेना को अपना मत पर कायम रहने का अधिकार है, परंतु भाजपा छोटे राज्य बनाने पर कायम है. भाजपा छोटे राज्यों का समर्थक भी है. पृथक विदर्भ के संदर्भ में भाजपा ने राष्ट्रीय अधिवेशन में संकल्प किया था. भुवनेश्वर के नेशनल एक्जिक्यूटिव मीटिंग 1996 में भाजपा ने स्वतंत्र विदर्भ राज्य के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था. भाजपा इस मुद्द पर प्रतिबद्ध है. शिवसेना भाजपा का सबसे करीबी मित्र होने से विदर्भ का सर्वांगीण विकास के लिए स्वतंत्र विदर्भ राज्य का समर्थन करे. इस आशय की गुजारिश काटोल के भाजपा विधायक डॉ. आशीष देशमुख ने की है.

उन्होंने आगे कहा कि विदर्भ विशुद्ध मराठी राज्य के निर्माण होने से अनेक मराठी भाषायी राज्य होंगे व मराठी की   अस्मिता भी बढ़ेगी. यह बात भी शिवसेना के लिए अभिमानकारक है. विदर्भ का विकास न होने से पृथक विदर्भ राज्य के लिए लड़ा जाए. ऐसी इच्छा आदरणीय बालासाहेब ठाकरे ने 1996 में रामटेक की जाहिर सभा में की थी. श्री उद्धव ठाकरे वर्तमान नेतृत्व में शिवसेना पृथक विदर्भ का समर्थन देती है तो इससे शिवसेना को उसका फायदा मिलेगा. संयुक्त महाराष्ट्र में रहकर विदर्भ का अनुशेष कम नहीं किया जा सकता है. इसी लिए विकास की दृष्टि से पृथक राज्य वक्त की माँग है. तेलंगाना की तर्ज पर विदर्भ राज्य निर्माण किए जाने पर किसान आत्महत्या पर अंकुश लगेगा. संयुक्त महाराष्ट्र में रहकर विकास हो नहीं सकता, इसमें कोई शक नहीं.

जितेन्द्र मुले द्वारा यहां जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि डॉ. आशीष देशमुख द्वारा पृथक विदर्भ के मुद्दे पर अनिश्चितकालीन अनशन आंदोलन के दौरान श्री नितिन गडकरी ने विदर्भ राज्य का समर्थन पर हामी भरी थी. उसके बाद अनशन समाप्त कर दिया गया. वहीं श्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी उस वक्त कहा था कि स्वतंत्र विदर्भ राज्य सही समय पर होगा. स्वतंत्र विदर्भ राज्य के समर्थनार्थ जनमत संग्रह करने के लिए विदर्भ के कई प्रमुख शहरों में चुनाव कराये गये थे. जिसमें 95 प्रतिशत जनता स्वतंत्र विदर्भ राज्य बनाये जाने पर अपना मत दिया था. इतना ही नहीं, महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में पृथक विदर्भ राज्य के मुद्दे पर ही भाजपा के उम्मीदवारों को जीत मिली. विदर्भ में भाजपा के 44 व शिवसेना के 4 विधायक चुने गए. इसलिए जनता की भावनाओं से खेला नहीं जा सकता और विदर्भ राज्य का निर्माण करना ही होगा. इस आशय की जानकारी डॉ. आशीष देशमुख ने 5 दिसम्बर को दी.