Published On : Fri, Feb 23rd, 2018

जिनके घर शीशे के होते है वो दूसरे के घर पत्थर नहीं फेंकते – नाना पटोले

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नागपुर: बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए नाना पटोले ने फिर एक बार मुख्यमंत्री पर हमला बोला है। कांग्रेस के नेता रणजीत देशमुख की संस्था को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई ज़मीन को लेकर दिए गए नोटिस पर पटोले ने कहाँ जिनके घर शीशे के होते है वह दूसरे के घरों में पत्थर नहीं मारते। नाना पटोले ने देशमुख को दिए गए नोटिस की वजह आशीष देशमुख के सरकार विरोधी आंदोलन को करार दिया। उनके मुताबिक इतने सालो बाद सरकार को नोटिस देने का होश अब ही क्यूँ आया, रणजीत देशमुख के पुत्र आशीष देशमुख बीजेपी से विधायक है चुनाव के दौरान पार्टी द्वारा जनता और किसानों से किये गए वादों को याद दिलाने के लिए वह आंदोलन का सहारा ले रहे है। उनकी यही अदा सरकार को पंसद नहीं आ रही इसलिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे है। मोदी और फडणवीस की सरकार आने के बाद विरोधी आवाजों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जो भी इनके खिलाफ कुछ कहता है उनके खिलाफ कोई न कोई जाँच बिठा दी जाती है। हुकुमशाही पद्धत्ति से शाषन चलाने की इन दोनों नेताओं की मानसिकता है।

आज का दौर इनका है कल किसी और का होगा
आशीष देशमुख की भूमिका का समर्थन करते हुए नाना ने कहाँ एक जनप्रतिनिधि के तौर पर एक विधायक अपना कर्त्तव्य निभा रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान किये गए वादों को याद दिलाना एक जनप्रतिनिधी की नैतिक जिम्मेदारी है। नोटिस देकर डराने का काम भले किया जा सकता है लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए की दौर बदलते रहते है। आज का दौर आप का है तो कल किसी और का भी होगा। आज जो कुछ रणजीत देशमुख के साथ हो रहा है यही समय फडणवीस सरकार पर भी आ सकता है।

जानबूझकर उपचुनाव में की जा रही है देरी
पटोले के अनुसार मौजूदा सरकार के खिलाफ जनता में भारी नाराजगी है इसलिए मुख्यमंत्री भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर उपचुनाव में देरी कर रहे है। मेरे साथ उत्तरप्रदेश के दो जनप्रतिनिधियों ने भी अपने पदों से इस्तीफ़ा दिया था। जहाँ फिर से चुनाव हो चुका है उनकी ही सीट पर जानुझकर देरी की जा रही है।