नागपुर: पुणे स्थित भोसरी में हुए जमीन खरीदी गैरव्यवहार मामले पर मंगलवार को सुनवाई हुई। आज की सुनवाई में एमआयडीसी की तरफ़ से आर्गुमेंट कर रहे वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय में दाखिल की गई याचिका की वजह से जाँच समिति के कामकाज स्थगित करने की जरुरत नहीं है। इस मामले में पद का दुरुपयोग करने का आरोप पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से पर है। 6 मार्च को मामले की सुनवाई के दौरान एमआयडीसी की तरफ से पैरवी कर रहे वकील ने भोसरी जमीन खरीदी गैरव्यवहार मामले में उच्चन्यायलय की मुख्य पीठ के समक्ष सुनवाई का हवाला देते हुए रिट पीटिशन पर वर्तमान स्थिति को पेश करने के लिए समय की माँग की थी। जिस वजह से सुनवाई आगे बढ़ाई गयी। मंगलवार को एमआयडीसी के वकील चंद्रशेखर जलतारे ने आर्गुमेंट किया।
एमआयडीसी का पक्ष रखते हुए वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने जाँच समिति का गठन किया है। इसलिए मामले पर फैसला अपेक्षित है मामले पर उच्चन्यायालय में याचिका दर्ज की गयी है जिस पर चार हफ्ते बाद सुनवाई होगी। इस याचिका की वजह से समिति के कामकाज को स्थगित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। अपनी दलील को पुख्ता साबित करने के लिए एमआयडीसी के वकील ने इसी संदर्भ में पूर्व में अदालत में हुए निर्णय के दस्तावेज समिति के सामने प्रस्तुत किये। ऐसे ही एक मामले में न्यायलय ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी दिया था जिसकी प्रति भी समिति के सामने प्रस्तुत की गयी।