नागपुर: शीतकालीन अधिवेशन के पहले दिन मंत्री और विधायकों के पिए (निजी सहायक) को सभागृह की लॉबी में सुरक्षा रक्षकों ने जाने से मना कर दिया। इस घटना के बाद निजी सहायकों और विधायकों ने इस घटना का विरोध दर्ज कराया। विपक्ष ने इस घटना के पीछे सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया।
विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े के आदेश के बाद निजी सहायकों को लॉबी में जाने से रोका गया इसकी लिए अध्यक्ष ने बाकायदा लिखित आदेश जारी किया है। इस घटना के ख़िलाफ़ कुछ विधायकों ने बीजेपी विधायक और प्रतोद सुधाकर राव देशमुख से शिकायत की, विधायकों की माँग है की सरकार के लोग इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा कर फैसले पर फिर से विचार करने की अपील करे।
कांग्रेस के विधायक अब्दुल सत्तार ने मीडिया से बात करते हुए कहाँ की बीते कई वर्षो से मंत्री और विधायक के निजी सहायक कामकाज में मदत के लिए लॉबी में आते है। यह भी सरकार के कामकाज का हिस्सा है। पर सरकार के कहने पर ऐसा निर्णय लिया गया यह फैसला लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है।