Published On : Mon, Oct 16th, 2017

बसपा के कांधे का इस्तेमाल कर सत्तापक्ष ने पूरे किए मंसूबे

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NMC Nagpur
नागपुर: आज नागपुर महानगरपालिका की आमसभा थी. विषय पत्रिका में मुद्दे भी संगीन थे, लेकिन सत्तापक्ष ने ‘फ्लोर मैनेजमेंट’ का सफल उदहारण देते हुए बसपा से समझौता कर जमकर हंगामा करवाया और तय रणनीति के तहत इस हंगामे का लाभ उठाते हुए भाजपा के रणनीतिकारों ने अपने-अपने लाभ के मुद्दों को मंजूरी प्रदान कर आज की सभा का कामकाज को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इस दौरान सत्तापक्ष ने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नगरसेवक के गुजारिश पर उनके विषय को स्थगित रख उन्हें भी चुप रहने के लिए मजबूर कर दिया।

ज्ञात हो कि मनपा की मासिक आमसभा के प्रति नगरसेवकों की अरुचि इस बात से सिद्ध होते हैं कि सुबह ११.०२ बजे मात्र ६ नगरसेवक थे. कामकाज की शुरुआत सुबह ११.२१ बजे शुरू की गई, महापौर ने निगम सचिव को नगरसेवकों की संख्या पूछी, तो निगम सचिव ने जानकारी दी कि मात्र ४६ नगरसेवक सभागृह में उपस्थित हैं. यह संख्या तय ‘कोरम’ का आभाव निर्माण कर रही है. इसके बाद महापौर ने ५ मिनट के लिए सभागृह का कामकाज स्थगित कर दिया। दोपहर १२.०४ बजे पुनः कामकाज शुरू हुई, शोक प्रस्ताव के बाद लगभग २० मिनट के लिए कामकाज स्थगित करने की घोषणा की. लगभग साढ़े १२ बजे सभागृह का कामकाज तीसरी मर्तबा शुरू हुई और ३० मिनट ( लगभग १ बजे ) तक प्रायोजित हंगामे के बाद महापौर ने तय रणनीत के आधार पर चुनिंदा विषयों का पुकारा कर उसे मंजूरी देने के बाद सभागृह का कामकाज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा महापौर नंदा जिचकर द्वारा किए जाने से मनपा में पहली मर्तबा नगरसेवक बने सर्पाक्षीय नगरसेवक वर्ग स्तब्ध रह गए.

दूसरी मर्तबा कामकाज शुरू होते ही कांग्रेसी नगरसेवक मनोज सांगोले ने यशवंत स्टेडियम के समीप भारतरत्न बाबासाहेब आंबेडकर का स्मारक आदि निर्माणकार्य सम्बन्धी विषय पर चर्चा शुरू ही किया था कि नियम के तहत सांगोले को रोककर बहुजन समाज पार्टी के पक्षनेता मोहम्मद जमाल ने कांग्रेस व भाजपा पर गंभीर आरोप जड़ते हुए बाबासाहेब आंबेडकर के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है. अब हमें चर्चा नहीं, काफी वर्षों से सभागृह में काफी दफे चर्चाएं हुई, लेकिन निर्माणकार्य आज तक नहीं शुरू किया गया. महापौर निर्माणकार्य शुरू करने की तारीख की घोषणा करें। इस मांग को लेकर बसपा के सभा नगरसेवकों ने एकता दिखाते हुए महापौर को घेर लिया और अपनी मांगों को लेकर हंगामा करते रहे.

इस बीच नगरसेवक सांगोले अपने विषय का ‘हाईजेक’ होता देख बसपा से मिन्नतें करते रहे कि उक्त विषय पर चर्चा होने दिया जाए। सांगोले का साथ भाजपा नगरसेवक धर्मपाल मेश्राम ने खुलकर करते हुए उनका सर्थन किया तो दूसरी ओर दो दर्जन से अधिक कांग्रेसी नगरसेवक सभागृह में उपस्थित रहने के बावजूद सांगोले अलग-थलग नज़र आए. बस पाई हंगामे के बीच सांगोले भी महापौर के समक्ष पहुंच गए. फिर तुंरत सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी उठे और सांगोले के पास पहुँच उसे उठाकर उसके मेज तक लाए। उधर बसपा के कृतों का विरोध करने भाजपा नगरसेवक धर्मपाल मेश्राम महापौर के समक्ष पहुंचे ही थे कि महापौर ने दोपहर १२.४१ बजे सभागृह का कामकाज ५ मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया।

दोपहर १२.५७ बजे चौथी बार सभागृह का कामकाज शुरू होते ही बसपाई नगरसेवकों ने पुनः हंगामा जारी रखा. इसी बीच सत्तापक्ष नेता ने सभी के समक्ष बसपा नेता जमाल को बाजु में लेजाकर उसके कान में कुछ फूंका. इससे हंगामा बंद की बजाय और लहक गया.

हंगामे के मध्य महापौर ने तय योजना के तहत बिना किसी की सुने नगरसेवकों के प्रश्नों का क्रमांक का वाचन करते रही. महापौर से नाराज होकर कांग्रेसी नगरसेवक कमलेश चौधरी ने आपा खोते हुए विषय पत्रिका को फाड़ हवा में लहरा दिया लेकिन उसके ही गुट के नगरसेवकों ने नगरसेवक चौधरी का साथ नहीं दिया।

महापौर ने अपना क्रम जारी रखते हुए विषय क्रमांक ७७,८१,८७ का पुकारा कर बहुमत से मंजूरी दे दी गई,इसी दौरान कांग्रेस के नगरसेवक गुडधे पाटिल तेजी से सत्तापक्ष नेता के पास पहुँच उसे मंजूरी देने की बजाय स्थगित रखने की मांग की,तो सत्तापक्ष ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए महापौर के पक्ष में उनका मार्गदर्शन करने वाले फडनिस को गुडधे से सम्बंधित विषय का पुकारा न करने की सलाह दी. इसकी क्रम में महापौर ने विषय क्रमांक ९१,९४,९६,९७,९८ व १०४ का सिर्फ पुकारा किया,जिसे सभागृह ने बहुमत के आधार पर मंजूरी देने के पश्चात सभागृह की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की.