Published On : Thu, Jan 17th, 2019

मनपा में रिवाइज बजट अंतिम पड़ाव पर

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प्रस्तावित बजट में कटौती का निर्णय आयुक्त लेंगे

नागपुर: मनपा की परंपरा के तहत स्थाई समिति अंदाजन बजट पेश करती है. इसके बाद आर्थिक वर्ष समाप्ति के पहले मनपायुक्त रिवाइज बजट पेश करते हैं. इस पर मनपा प्रशासन का काम अंतिम चरणों में है. प्रस्तावित बजट में कितनी कटौती की जाएगी, फिलहाल आयुक्त द्वारा निर्णय लिया जाना शेष है.वर्ष 2018-19 का आर्थिक बजट मनपा स्थाई समिति सभापति विक्की कुकरेजा ने पेश किया था,जो लगभग 3000 करोड़ का था.

इस आर्थिक वर्ष में मनपा आर्थिक अड़चनों से गुजर रही है. इसके कारण पहली मर्तबा मनपा के मूल कामों के ठेके 5-6 बार जारी करना पड़ रहा है, क्यूंकि अधिकांश ठेके ठेकेदार नहीं उठा रहे. ऐसी स्थिति में प्रशासन ने राज्य सरकार के नए अध्यादेश के तहत सिंगल टेंडर को भी ‘ इस्टीमेट रेट ‘ पर देकर विकास कार्य करवाने की कोशिश की जा रही है. उक्त आर्थिक संकट से सर्व पक्षीय नए नगरसेवक संकट में आ गए हैं. टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कार्यादेश देने हेतु प्रक्रिया लंबी होने से भी विकास कार्य प्रभावित हुआ है.

कोटेशन के कामों को ठेकेदार वर्ग अच्छी खासी तहरिज दे रहे,क्यूंकि इसमें मुनाफे का मार्जिन बड़ा होता है. ठेकेदार वर्ग इसलिए भी चिंतित हैं क्यूंकि उनके कामों का निरीक्षण कई बार होने के बावजूद बिल तैयार करने में संबंधित आनाकानी कर रहे हैं. संबंधित अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार सहयोग नहीं कर रहे हैं.

उल्लेखनीय यह है कि स्थाई समिति सभापति के प्रयासों से राज्य सरकार ने मनपा को करोड़ों में विशेष सहयोग किया. उम्मीद जताई जा रही कि जल्द ही मनपा के मांग के हिसाब से बची शेष विशेष सहायता निधि जल्द मिलेगी. मनपा का जी एस टी अनुदान भी ९० करोड़ मासिक करवाने में समिति सभापति सह सत्तापक्ष के दिग्गज पदाधिकारियों सह नगरसेवकों के प्रयासों को सफलता मिली.

विपक्षी नगरसेवकों का कहना है कि रिवाइज बजट में २० से ३० प्रतिशत के मध्य कटौती हो सकती है,अगर सरकार ने शेष बकाया निधि नहीं दी गई तो. मनपा प्रशासन ने पिछले एक सप्ताह से रिवाइज बजट का काम शुरू कर दिया है. अमूमन सभी विभागों का इस संदर्भ में रिवाइज बजट के तहत कटौती की सूची तैयार हो चुकी है,कुछ विभागों का काम अंतिम चरण में है. इसके बाद मनपा आयुक्त भविष्य में होने वाली आय के आधार पर रिवाइज बजट में प्रस्तावित बजट में कटौती के प्रतिशत का निर्णय लेंगे.