Published On : Tue, Feb 26th, 2019

प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारियों को वापस भेजें : दटके

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महापौर ने दिया प्रशासन को आदेश

नागपुर: मनपा के गैरजरुरत प्रतिनियुक्त पर तैनात अधिकारियों को उनके मूल विभाग में भेजें और इनके रिक्त जगहों पर मनपा के मूल अधिकारियों को पदोन्नत कर तैनात करें।साथ ही मनपा में कार्यरत २ प्रशिक्षु उपायुक्तों का कार्यकाल समाप्त हो चूका,उन्हें भी मूल विभाग भेजने का आदेश देने की मांग पूर्व महापौर प्रवीण दटके में की.उक्त मांगपूर्ति हेतु महापौर ने प्रशासन ने तत्काल पहल करने के निर्देश दिए.

दटके ने आज आमसभा में उक्त मांग की थी.इस दौरान उन्होंने कहा कि मनपा प्रशासन मनपा के अधिकारियों को असक्षम दर्शाते हुए विशेष कर वित्त विभाग के रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति के तहत वर्षो से अधिकारियों को तैनात कर रहे.जिससे मनपा के मूल अधिकारियों का हक्क छीना जा रहा.इसके साथ ही मनपा में २ प्रशिक्षु उपायुक्त स्तर के अधिकारी तैनात हैं,जिनका कार्यकाल अवधि समाप्त हो चूका।राज्य सरकार के सम्बंधित विभाग ने मनपा प्रशासन को इस सन्दर्भ में पत्र लिख जानकारी दी कि अब वे उन दोनों अधिकारियों का वेतन नहीं देंगे,जिसे कायम रखने के लिए मनपा को वेतन देना होंगा।

दटके ने उक्त अधिकारियों को वापिस भेजने की मांग करते हुए उनकी जगह मनपा के मूल अधिकारियों को पदोन्नत कर उक्त रिक्त पदों पर भर्ती करने की मांग की.

जिन पदों के लिए सक्षम अधिकारी उपलब्ध नहीं हो,ऐसे पदों के लिए सीधे भर्ती की भी मांग की.दटके के मांग को गंभीरता से लेते हुए महापौर ने प्रशासन को तत्काल पहल करने के निर्देश दिए. कर विभाग में कर्मियों की कमी से पूर्व नहीं हो रहा टार्गेट कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक संदीप सहारे ने संपत्ति कर विभाग के सैकड़ों रिक्त पदों और विभाग के मूल कर्मियों का अन्य विभागों में तैनातगी का सवाल उठाया।यह भी आरोप लगाया कि रिक्त पदों और विभाग के कर्मियों का अन्य विभाग में काम करने से संपत्ति कर विभाग का वार्षिक टार्गेट वर्षो से पूर्ण नहीं हो पा रहा.

इसलिए विभाग के मूल कर्मियों को अन्य विभाग से छुट्टी की जाये साथ ही मनपा की आर्थिक स्थिति के मद्देनज़र संपत्ति कर विभाग के रिक्त पदों की भर्ती शुरू की जाये।वर्षो पूर्व ८०० से १००० घरों के लिए विभाग का १ कर्मी को जिम्मेदारी दी गई थी,जो कि अब १५ से २० हज़ार घरों के लिए भी एक ही कर्मी कार्यरत हैं.काम का बोझ बढ़ने से जिम्मेदारियों के साथ न्याय नहीं हो पा रहा.संपत्ति कर से सम्बंधित ८४ मामले ऐसे हैं,जिन पर २८ करोड़ रूपए का बकाया हैं.

आमसभा के प्रति नगरसेवकों में गंभीरता की कमी
मनपा आमसभा के लिए पूर्व में लिखित सूचना के तहत सभी नगरसेवकों को पूर्ण लेखा-जोखा सह समय दी जाती हैं.लेकिन चुनिंदा नगरसेवक-पदाधिकारी-अधिकारी वर्ग ही गंभीरता से लेते हुए तय समय सुबह ११ बजे के पूर्व नगर भवन सभागृह में नज़र आते हैं.आलम तो यह रहता हैं कि आमसभा ख़त्म होने के बाद भी कुछ आते नज़र आते.सभागृह में कामकाज शुरू रहते पीछे की ३ लाइन में बैठे नगरसेवक अपनी ही धुन में रहते,या फिर मोबाइल पर बातचीत या चैटिंग में लीन नज़र आते.कुछ को तो कामकाज क्या हो रहा उन्हें कुछ पता नहीं होता।

साबले बाहर,बुर्रेवार अंदर
स्थाई समिति का कार्यकाल १-१ वर्ष का होता हैं.वर्ष २०१८-१९ के सदस्यों का कार्यकाल मार्च के पहले सप्ताह में समाप्त हो रहा.इसलिए नए सदस्यों का पक्ष निहाय चयन किया गया.कांग्रेस के ३ सदस्य स्थाई समिति में रहते हैं,इनमें से २ सदस्यों का चयन की घोषणा पिछली सभा में की जा चुकी थी.क्यूंकि वर्तमान कांग्रेसी सदस्य हर्षला साबले ने इस्तीफा नहीं दिया था इसलिए तीसरा नया सदस्य नहीं चुना गया था.आज साबले ने किसी समझौते के तहत इस्तीफा दे दिया लेकिन उसकी जगह नए सदस्य के नाम की घोषणा नहीं की गई.

कांग्रेस की ओर से विगत दिनों २ नगरसेवकों को स्थाई समिति में भेजा गया,जिसमें गार्गी चोपड़ा और दिनेश यादव का समावेश था.गार्गी चोपड़ा के चयन का विरोध हरीश ग्वालवंशी और कमलेश चौधरी ने खुलकर किया।चोपड़ा का विरोध पूर्व मंत्री अनीश अहमद ने भी किया लेकिन चयनकर्ताओं के कानों पर जूं नहीं रेंगना समझ से परे हैं.चोपड़ा के पति वर्त्तमान में भाजपा में सक्रिय हैं.

दूसरी ओर बसपा का एकमात्र नगरसेवक स्थाई समिति में प्रत्येक वर्ष रहता हैं.इस दफे संजय बुर्रेवार का नंबर लगा,यूं कहिए इन्होंने बोली जीती और बसपा के मूल कार्यकर्ता इब्राहिम टेलर का नंबर चंद सिक्कों से टल गया.बुर्रेवार मूलतः भाजपा का कार्यकर्ता था,भाजपा ने उसे मनपा चुनाव में टिकट नहीं दी इसलिए वह बसपा की टिकट पर खड़ा होकर नगरसेवक बना.इनके ही प्रभाग में एक बिल्डर ने मुख्य ट्रंक लाइन फोड़ी,जिस पर इन्होने चुप्पी साध रखी हैं.

मनपा में पदोन्नति में धांधली का आरोप लगाया होले ने
सत्तापक्ष के वरिष्ठ नगरसेवक सतीश होले ने ‘शिफ्ट इंजीनियर’ के साथ अन्याय का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी.यह भी आरोप लगाया कि चेहरा देख प्रशासन कर्मियों के साथ नियमों को तोड़-मरोड़ अवहेलना कर रहा.इस पर महापौर ने अतिरिक्त आयुक्त को जाँच कर उसकी रिपोर्ट अगली सभा में पेश करने का निर्देश दिया,यह भी निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में जिन नगरसेवकों को शिकायतें करनी हैं,वे ७ दिनों के भीतर अतिरिक्त आयुक्त से कर सकते हैं.

हरीश वोरा बनाम मनोज सांगोळे द्वन्द
वरिष्ठ नगरसेवक मनोज सांगोळे ने अपने प्रभाग के नासुप्र के जमीन ( खेल के लिए आरक्षित ) पर मनपा की खर्च से स्केटिंग रिंग,ग्रीन जिम और कुंआ खुदवाया। इसी बीच नासुप्र ने उक्त जगह जिला फूटबाल संघ को दे दी,वे जल्द ही वहां स्टेडियम का निर्माण करने वाले हैं.इससे झल्लाए सांगोळे ने कामठी मार्ग स्थित वोरा काम्प्लेक्स को अवैध ठहराते हुए जाँच सह कार्रवाई की मांग की.महापौर ने भी आनन-फानन में जाँच के आदेश दे दिए.