Published On : Mon, Sep 18th, 2017

सालाना १५ करोड़ के लिए हजारों नागरिकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ !


नागपुर: मनपा में निसंदेह बड़ी-बड़ी लोकाभिमुख योजनाएं बनती व मंजूर होती है लेकिन सबकुछ कागजों पर. जिसका नतीजा यह होता आया है कि योजना अनुरूप तैयार होने वाले प्रकल्पों का जान-विरोध शुरू हो जाता है. इसकी एकमात्र वजह है प्रशासन द्वारा तैयार किए जाने वाली योजना के दौरान वर्तमान परिस्थिति, आसपास के नागरिकों का हित आदि को नज़रअंदाज किया जाना। ऐसा ही कुछ भांडेवाडी कचरा डंपिंग यार्ड व परिसर में स्थापित ‘एसटीपी’ के चारों ओर रहने वाले हज़ारों नागरिकों के स्वास्थ्य पर नियमित खतरा मंडरा रहा है.

पूर्व नागपुर के अंतिम छोर पर भांडेवाडी में वर्षों पुरानी कचरा डंपिंग यार्ड है. यह स्थापना के वक़्त शहर के बाहर हुआ करता था लेकिन आज शहर में बढ़ी जनसंख्या के कारण इस परिसर के चारों ओर अधिकृत-अनाधिकृत बस्तियां बस चुकी हैं. जिसमें ७ से ८ हज़ार खासकर रोजी-रोटी कमाने-खाने वाले निवास करते हैं.

इसी डंपिंग यार्ड में कुछ वर्ष पूर्व ‘सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट’ की स्थापना की गई.जहां नाग नदी का गंदा पानी पर प्रक्रिया की जाती है. प्रक्रिया की अच्छी पानी को पाइप लाइन के द्वारा कोराडी पॉवर प्लांट तक ऊर्जा निर्माण के उपयोगार्थ ले जाया जाता है. जिसके बदले किए गए करार के अनुसार पॉवर प्लांट प्रबंधक मनपा को सालाना १५ करोड़ रुपए देती है.

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विडंबना यह है कि ‘एसटीपी’ में की गई प्रक्रिया के बाद ख़राब रसायनयुक्त पानी को बस्तियों की ओर बहा दिया जाता है. खासकर जब ज्यादा बारिश होती है, तब बारिश व रसायनयुक्त पानी( इसमें नाग नदी का अतिरिक्त पानी जिनपर प्रक्रिया नहीं की जा सकी ) को संयुक्त रूप से एकसाथ बहाया जाता है. इस गंदे-रसायनयुक्त पानी से भांडेवाडी कचरा डंपिंग यार्ड व ‘एसटीपी’ के इर्द-गिर्द सूरज नगर, न्यू सूरज नगर, अब्बू मियां नगर तुलसी नगर आदि में रहने वाले हज़ारों नागरिकों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानलेवा बीमारियों ने जकड़ रखा है.

साथ ही भांडेवाडी कचरा डंपिंग यार्ड में कचरा जमा करने के लिए अब जगह नहीं है.जमा कचरों पर प्रक्रिया या और कोई सकारात्मक उपाय नहीं किए जाने के कारण पहाड़ी का रूप तो ले ली है. ऊपर से इस परिसर में जब बारिश का पानी जमा होता है,तब अत्याधिक बारिश का पानी जमा कचरों को बहाकर बस्तियों की ओर ले जाता है. यह गन्दा पानी बस्तियों में जमा हो जाने से बस्तियों में रहने वालों को तरह-तरह के जानलेवा बीमारियों ने जकड़ रखा है.


प्रभाग २६ के नगरसेवक धर्मपाल मेश्राम ने स्थानीय नागरिकों की शिकायत पर उक्त परिसर में मनपायुक्त अश्विन मुदगल और पूर्व नागपुर के विधायक कृष्णा खोपड़े का संयुक्त दौरा करवाकर समस्याओं की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया। मनपा आयुक्त मुदगल ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए पेंच प्रकल्प प्रमुख चौगंजकर व स्थानीय वार्ड अधिकारी राजेश कराडे को निर्देश दिए कि उक्त समस्या निवारण के लिए प्राकलन ( खर्च सह लेखा-जोखा ) तैयार करें। नगरसेवक मेश्राम के अनुसार उक्त समस्या निवारण के लिए पेंच प्रकल्प विभाग के खाते से निधि दी जाएंगी।

उल्लेखनीय यह है कि मनपा प्रशासन ने कोई भी योजना/प्रकल्प की शुरुआत करने के पूर्व प्रस्तावित योजना स्थल के इर्द-गिर्द रहवासी क्षेत्रों पर प्रकल्प के परिणामों का अंकेक्षण किया जाना जरुरी है. नगरसेवक मेश्राम के अनुसार पूर्व में अंकेक्षण किया गया होता तो न रहवासियों को दिक्कतें आती और न ही मनपा को अतिरिक्त राजस्व खर्च करने की नौबत आती.














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