Published On : Tue, Oct 9th, 2018

325 करोड़ की मांगी विशेष निधि, आर्थिक संकट से उभरने सरकार से लगाई गुहार

Advertisement


नागपुर. मंगलवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में जहां 5.85 करोड़ के प्रस्तावों को प्रशासकीय मंजूरी प्रदान की गई, वहीं 7.50 करोड़ के टेंडर को हरी झंडी दिए जाने की जानकारी स्थायी समिति सभापति वीरेन्द्र कुकरेजा ने दी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से 325 करोड़ की विशेष वित्तीय सहायता करने की मांग की गई है. जिसे लेकर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से 2 दिन पहले चर्चा की गई. सरकार ने इस मामले में सकारात्मक होने की जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि मनपा की आर्थिक स्थिति खराब होने को लेकर भले ही हल्ला मचा हो, लेकिन वास्तविकता यह नहीं है. मनपा आयुक्त ने स्वयं वित्तीय वर्ष 2018-19 का 2050 करोड़ का बजट दिया था. यहां तक कि गत वर्ष मनपा को 1950 करोड़ की आय प्राप्त हुई थी. जिसमें राज्य सरकार की ओर से आवंटित विशेष योजना निधि भी शामिल थी. उन्होंने बताया कि स्थायी समिति का पदभार स्वीकार करने के बाद से प्रत्येक माह 10 लाख रु. की सेविंग करने की हिदायत मनपा को दी गई थी. जिसका निरंतर पालन किया जा रहा है.

अगले माह से 80 करोड़ का जीएसटी अनुदान

मनपा में चुंगी के बाद एलबीटी रद्द होने एवं जीएसटी लागू हो जाने के बाद मनपा को भले ही प्रति माह 50 से 55 करोड़ की वित्तीय सहायता राज्य सरकार की ओर से की जा रही है, लेकिन इसे बढ़ाने के लिए भी मुख्यमंत्री से चर्चा की गई थी. हालांकि बजट में केवल 650 करोड़ ही जीएसटी से मिलने की संभावना जताई गई थी. लेकिन यदि राज्य सरकार जीएसटी के अनुदान को बढ़ाकर देती है, तो यह आंकड़ा अधिक हो सकेगा. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ हुई चर्चा का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने निकट भविष्य में होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. जिससे अगले माह से ही मनपा को जीएसटी के रूप में 80 से 90 करोड़ मिलने की आशा है.

गडकरी से भी अनुरोध

उन्होंने बताया कि जीएसटी के अनुदान को बढ़ाकर देने के लिए हाल ही में मनपा के पदाधिकारियों का शिष्टमंडल केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिला था. जहां राज्य सरकार से सिफारिश करने की मांग की गई थी. मांग के अनुसार गडकरी द्वारा तुरंत ही मुख्यमंत्री से चर्चा कर जीएसटी अनुदान बढ़ाकर देने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से मनपा के अधिकार की राशि नियमित रूप से आवंटित की जा रही है. यहां तक कि सीमेंट रोड के तीसरे चरण की 28 करोड़ की राशि मनपा के खाते में पड़ी हुई है.