नागपुर: गांधीसागर तालाब शहर के इतिहास से जुड़ा हुआ तालाब है. तालाब से सटकर एक खूबसूरत गार्डन भी है. जो एक समय इस परिसर की शान हुआ करता था. कुछ साल पहले इस पार्क में लोग अपने बच्चों को लेकर घूमने आते थे. क्योंकि जिस जगह पर यह है वहां काफी खूबसूरत नजारा है. लेकिन आज इस गार्डन को देखकर लगता है कि यह आज अपनी आखरी सांसें गिन रहा है. रखरखाव के अभाव में गार्डन की दुर्दशा काफी खराब हो चुकी है. यहां शो के लिए बनाएं गए गुंबद में पानी नहीं है, जगह-जगह गंदगी फैली हुई है. कई जगह शराब की बोतलें भी आपको दिखाई देगी.
गार्डन में साफ़ सफाई भी न के बराबर है. शौचालय नहीं होने की वजह से यहां पर पर्दा बांधकर व्यवस्था की गई है. यहां एक सजेशन बॉक्स भी लगाया गया है. जिसे देखकर लगता है शायद ही किसी कर्मी ने यह बॉक्स खोलकर देखा होगा या किसी मनपा के पदाधिकारी ने इसका संज्ञान लिया होगा.
दिन भर यहां बड़ी तादाद में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. जहां एक ओर देश में स्वच्छ भारत अभियान का नाम लेकर कई योजनाओं को शुरू किया गया है, तो वहीं गांधीसागर जैसे ऐतिहासिक महत्व के तालाब के गार्डन को शासन ने अपनी हालत पर वैसे ही लावारिस छोड़ दिया है.
गांधीसागर परिसर की नगरसेविका हर्षला साबले से इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यहां सिक्योरिटी गार्ड है, लेकिन वह सही तरीके से मैनेज नहीं कर रहे हैं. यहां जो शो के लिए झरना लगाया गया है, उसकी मोटर कई बार बदली गई है. लेकिन वह भी चुराकर ले गए हैं. शौचालय को लेकर उन्होंने जानकारी दी कि हैदराबाद की एक कंपनी को शौचालय बाहर बनाने के लिए कहा गया था, लेकिन वे भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.