– ३ माह पूर्व ठेका मिलने के बावजूद ठेकेदार कंपनियों के पास मशीन,वाहन व मनुष्यबल का आभाव
नागपुर : आनन-फानन में अपने स्वार्थपूर्तिकर्ताओं को काम देने के चक्कर में मनपा प्रशासन ‘औंधे मुँह के बल गिरी।अब आलम यह हैं कि पिछले ३ दिनों से मनपा प्रशासन कचरा उठा रही और बिल ठेकेदारों के नाम फाड़ रही.
याद रहे कि लगभग डेढ़ दशक सेवा देने के बाद पूर्व की ठेकेदार कंपनी ‘कनक’ का कार्यकाल ख़त्म हो गया.ठेका ख़त्म होने के बाद उनके पास न्यूनतम वेतन उठाने वाले १७-१८ सौ कर्मी थे.यह भी कड़वा सत्य हैं कि कनक ने सभी को कामगार की श्रेणी में रखा था और उन्हें वेतन भी उसी हिसाब से दिया करते थे.इनके पास संसाधनों की अमूमन कमी नहीं थी और न ही इस सन्दर्भ में कोई बड़ी शिकायतें आया करती थी.
और तो और नगरसेवकों के कद के अनुसार उनके सिफारिश पर उनके कार्यकर्ताओं की भर्ती करने से सभी के मुख पर व्यक्तिगत ताला जड़ा था.मनपा में विपक्ष के इक्के-दुक्के नए-नवेले नगरसेवक और वरिष्ठ नगरसेवक के प्यादे इनके कर्मियों से आर्थिक लाभ उठाने के चक्कर में सैकड़ों कर्मियों का आर्थिक शोषण भी किया था.जो बाद में मामला सार्वजानिक होने के बाद गायब हो गए.
अब जब इस ठेकेदार कंपनी से मोहभंग हुआ तो पिछले डेढ़ साल पूर्व से ही कनक को घर का राष्ट दिखाने की तैयारी शुरू हो गई थी.इसी बीच सत्तापक्ष के वरिष्ठ नगरसेवक के सिफारिश पर पुणे की ‘बीवीजी’ जो अन्य मनपा आदि में अपने कार्यप्रणाली के लिए काफी चर्चित हैं,उसे नागपुर मनपा में लांच करने की योजना रची.इस योजना में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष चुनिंदा नगरसेवकों के दर्जनभर कार्यकर्ताओं को ठेकेदार कामगार में नियुक्ति देने के शर्त पर व्यवस्था में बिठा कर ‘बीवीजी’ सह ‘एजी’ को ५-५ ज़ोन क्षेत्र के कचरा संकलन का ठेका दिया गया.
ठेका देने के बाद इन्हें कनक से जिम्मेदारी हस्तांतरित करने के लिए ३ माह का वक़्त भी दिया गया.इन तीन महीनों में उक्त दोनों कंपनियों ने सादा सा कार्यालय तक नहीं खोला तो मशीनरी और मनुष्यबल की व्यवस्था कोसों दूर दिखी।
इस दौरान तय निविदा शर्तों के हिसाब से मनुष्यबल की भर्ती प्रक्रिया में कनक के अधिकांश कर्मियों को घर बैठा दिया।इनकी मोर्चा भी निकला,इनकी आड़ में कुछ ने रोटियां भी सेक ली,लंबी-चौड़ी अपने कार्यकर्ताओं की ठेकेदार कामगार के रूप में भर्ती की सूची भी थमा दी.
३ दिन पूर्व भांडेवाड़ी में कामकाज का तामझाम से उद्धघाटन करने के बाद दूसरे ही दिन अर्थात पहले दिन दिन ही कामकाज ठप पड़ गया,एक तो निविदा शर्तो के अनुसार मशीन,वाहन,मनुष्यबल नहीं तो दूसरी ओर पुनः कनक के पूर्व सैकड़ों कामगारों का मनपा पर मोर्चा निकला।
मामला बिगड़ता देख मनपा प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के सभी मशीन,गाड़ी,मनुष्यबल ठेकेदारों के सेवा में लगा दी.और बिल ठेकेदार के नाम पर फाड़ना भी शुरू कर दिया।अर्थात दाल में काला नहीं बल्कि सम्पूर्ण दाल ही काली हैं.इस तत्काल व्यवस्था के सूक्ष्म जानकारों के अनुसार उक्त दोनों ठेकेदार कंपनियां मनपा के प्रमुख खादी-खाकी को कागजी टुकड़ों के आड़ में काफी खुश कर रखा हैं,इसलिए इनकी बोलती सम्पूर्ण शहर की कचरा संकलन सम्बन्धी व्यवस्था बिगड़ने के बावजूद बंद हैं.