
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने दलितों के मसीहा डॉ भीम राव अंबेडकर को जितना सम्मान दिया है उतना किसी अन्य सरकार ने नही दिया। उन्होंने मोदी और भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह के बयान दलित समुदाय के वोटों पर नजर रखते हुए जारी किये जाते हैं।
राउत ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘दलित, विशेषकर युवा वर्ग नरेंद्र मोदी की सरकार से नाराज है। उन्हें शिक्षा तथा रोजगार के अवसरों से वंचित किया जा रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ, जब कांग्रेस सत्ता में थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश के अगले प्रधानमंत्री के चयन में दलितों की यह नाराजगी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।’’ उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उनका विभाग दलितों को एकत्र कर कांग्रेस के नेतृत्व के तहत लाने का प्रयास करेगा, ताकि प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल का मार्ग प्रशस्त किया जा सके.
राउत ने कहा कि पूरे देश में 84 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। भाजपा ने 2014 के आम चुनाव में इनमें से अधिकतर सीटों पर जीत हासिल की थी। इन चुनावों में कांग्रेस को तीन चार सीटें ही मिली थी। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने की कोशिश करेंगे।” बता दें कि हाल के दिनों में बीजेपी के अंदर भी दलित सांसदों ने सरकार और संगठन के खिलाफ आवाज बुलंद की है। इनमें से कई सांसदों ने तो पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की है और दलित उत्पीड़न के मामले में जल्द दखल देने को कहा है।









