नागपुर: यह बहोत ही अजीबों-गरीब बात है की जो स्वयं नागपुर महानगर पालिका को आर्थिक संकट में ढकेलने के लिए जिंम्मेदार है आज वही मनपा को उपदेश देते हुए शहर में घूम रहें हैं. ज्ञात रहें के पिछले ग्यारह वर्षो से नागपुर महानगर पालिका में भारतीय जनता पार्टी का एकछत्र राज है. पिछले ग्यारह वर्षों से सत्तापक्ष द्वारा जिन कार्यक्रमों एवं नीतियों को अमल में लाया जा रहा है उसके प्रणेता कोई और नहीं बल्कि स्वयं नितिन गडकरी, नागपुर के सांसद एवं केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री है. अतः मनपा को आर्थिक संकट में फ़साने के लिए गडकरी स्वयं जिम्मेदार है. गडकरी द्वारा यह सुझाव देना की मनपा अपने आर्थिक संकट से उभरने हेतु बाजार से कर्जा ले यह न सिर्फ बचकानी बात है बल्कि मनपा को और आर्थिक संकट के गर्त में ढकलने जैसा है. आम आदमी पार्टी यह सवाल खडा करणा चाहती ही कि, जब मनपा सारे प्रकाल्पों को सलाह्गारों के मार्गदर्शन में अमल में ला रही है फिर ऐसा क्यों है की मनपा आर्थिक संकट में फस गयी है ?
यह भी बड़ी आश्चर्य की बात है की मनपा द्वारा लागू किये जाने वाले सारे बड़े योजनाएं असफल हो गये है फिर भी गडकरी इसपर अपनी चुप्पी साधे हुए है. आम आदमी पार्टी स्पष्ट शब्दों में यह कहना चाहती है की, जो राजनेता कंपनियों के पैसों पर अपना चेहरा चमकाता हो ऐसे गडकरी नागपुर महानगर पालिका से दूर रहें और फिझुल ज्ञान बाटना बंद करें.
होना तो यह चाहिये था कि, केंद्रीय मंत्री कि उपस्थिती मे बुलायी गयी बैठक मनपा के आर्थिक संकट मे फंस जाने के कारणो का पता लगाया जाता और उन कारणो को दूर करणे हेतू कुछ विकल्प ढूंडते, लेकीन गडकरी ने जनता पर अधिक करों का बोझ डालने का सुझाव निगम आयुक्त अश्विन मुग्दल को दिया. आम आदमी पार्टी नागपूर इकाई निगम प्रशासन एवं पदाधिकारीओं से आव्हान करती ही कि वे मनपा की आर्थिक संकट पर श्वेत पत्र जारी करे.