नागपुर: नागपुर सुधार प्रन्यास की ज़मीन निजी बिल्डरों को बेचने के मामले में एनआइटी ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की अपील की है। अजनी स्थित साइंटिफिक को ऑपरेटिव हाऊसिंग सोसायटी के ब्लॉक नंबर पी 3 और पी 4 को वर्ष 1964 में एनआइटी को बेचने के बाद भी वर्ष 2005 में दो निजी बिल्डरों को बेच दी।
इस संबंध में एनआइटी ने 28 मार्च 2017 को धंतोली पुलिस को पत्र लिखकर धोखाधड़ी करने वालो पर मामला दर्ज करने की माँग की थी। जिसके बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज के आधार पर आटीआई कार्यकर्त्ता टी एच नायडू ने राज्य सूचना आयोग में अपील की थी। जहाँ से एनआइटी को जमीन के साथ धोखाधड़ी करने वालो के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने का आदेश दिया गया। इस आदेश के बाद एनआइटी ने फिर एक बार धंतोली पुलिस को पत्र लिखकर मामला दर्ज करने की अपील की है।
एनआइटी के दस्तावेजों में 1952 में यह जमीन प्राईवेट प्रॉपर्टी के रूप में दर्ज थी। इसी जमीन के दो हिस्सों पी 3 ब्लॉक और पी 4 ब्लॉक को एनआइटी ने जमीन के मालिक जे पी बोहरे से 8 जनवरी 1964 को खरीद ली थी। इसके बाद जमीन की खरीद बिक्री काम सोसायटी के मार्फ़त होने लगा। एनआइटी का आरोप है की 31 अक्टूबर 2005 को बिक्री करारनामा तैयार कर साइंटिफिक को ऑपरेटिव हाऊसिंग सोसायटी ने एनआइटी की मिल्कियत वाली जमीन पी 3 को डिसेंट डेवलपर्स और संजय बंड को बेच दी। इसी तरह से पी 4 ब्लॉक को गाँधी बिल्डर्स और नरेंद्र गाँधी को बेच दी।
एनआइटी ने अपनी शिकायत में उसके पास मौजूद दस्तावेज भी पुलिस को सौपे है। जिससे की उसके दावे को पुख्ता किया जा सके।