Published On : Wed, Jun 29th, 2022
nagpurhindinews | By Nagpur Today Nagpur News

जूनी कामठी क्षेत्र में राष्ट्र पक्षी मोरों की हत्या

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– वन विभाग की लापरवाही से घटना बढ़ रही

कामठी /कन्हान – नागपुर वन विभाग की लापरवाही एवं अदूरदर्शिता के चलते सुनियोजित तरीके से राष्ट्रीय पक्षी मोरों की हत्या का मामला प्रकाश में आया है। बताया जाता है कि जूनी कामठी कन्हान के गाडे घाट परिसर में लोगों को मरे पड़े मोरों के शव दखाई दिये। परंतु वन अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी ?

बताते हैं कि इस क्षेत्र में मोरों की तादाद अधिक हो गई है। जहां चोरी छिपे मोरों का शिकार होना आम बात है। कन्हान नदी तटवर्तीय हरी भरी झाड़ियों में राष्ट्र पक्षी मोरों के समूह – झुंडो को विचरण करते हुए देखा जा सकता है। राष्ट्र पक्षी मोरों का मुख्य भोजन सांप होता है। यहां नदी तट के इर्द-गिर्द बहुत सांप विचरण करते हुए देखा जा सकता है। क्योंकि कन्हान नदी में मछलियों को खाने के लिए विविध प्रकार के सांप, चूहे, केंचुए और मेंढक पाए जाते हैं। परिणामस्वरूप यहां हजारों की संख्या में राष्ट्र पक्षी मोरों के समूह जंगल झाड़ियों में आश्रय लिए हुए देखा जा सकता है।

बड़ी तादाद में मोरों का शिकार
व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक यहां चोरी छिपे शिकारी फांदा-फांशा लगकर मोरों का शिकार करते रंगे हाथों पकड़ा जा सकता है। इतना ही नहीं शिकारी लोग भोजन आहारों में बेहोशी की औषधियां मिलाकर रख दिया करते है। नतीजतन मूक प्राणी मोर उक्त बेहोशी मिश्रित भोजन करके बेहोश होकर जमीन पर पड़ जाते हैं और शिकारी उन बेहोशी में पड़े मोरों को उठा ले जाते हैं। बाद में मृत मोरों का मांस होटलों और ढाबों में बेच दिया जाता है ?

बताते हैं कि नागपुर जबलपुर हाईवे के इर्दगिर्द संचालित बड़े बड़े ढाबों तथा होटलों में मोरों, जंगली सुअरों,हरिण, चीतल,गोह, खरगोश, बारहसिंगा ,सांबर सिंगा, और अन्य जंगली जानवरों का मांस युक्त खाना-भोजन आसानी से उपलब्ध हो सकता है ?

हाल ही में जूनी कामठी के गाडे घाट परिसर में बेहोशी बनाम मृत अवस्था में लोगों ने मोरों को देखा गया। परंतु वन विभाग को सूचित किये बिना वहां के समाज सेवी लोगों ने उन बेहोश मोरों को दफना दिया गया ?

सूत्रों का तर्कसंगत आरोप है कि मृत मोरों का वन विभाग के माध्यम से पोस्टमार्टम जरुरी था। इस प्रकरण पर वन विभाग ने विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ?