सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के 79 वे जन्मदिन पर नागपुर टुडे की यह खास रिपोर्ट ।
नागपुर टुडे – आज विश्वप्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन का 79 वा जन्मदिन है । 1970 के दशक से अभिनय की दुनिया मे कदम रखनेवाले अमिताभ ने अबतक सैकड़ो फिल्मो में अभिनय कर सभी के दिलो पर राज किया है । आज भी उन्हें फ़िल्म इंडस्ट्री का बेताज बादशाह माना जाता है । अभी हाल ही में प्रदर्शित हुई फ़िल्म “चेहरे” में उन्होंने एक रिटायर्ड वकील की भूमिका को साकार कर फिर से अपनी जबरदस्त अभिनयक्षमता का लोहा मनवाया है की आज भी समूचे विश्व मे वे एक अनूठे और बेहतरीन कलाकार है ।
नारू बच्चन का परिवार – पत्नी जया बच्चन, बेटा अभीषेक बच्चन , बेटी श्वेता बच्चन
आज विश्व मे उनके चाहनेवाले प्रसंशको की संख्या लाखो करोड़ो और अरबो की है । इसी श्रंखला में आज हम आपको उनके 79 वे जन्मदिन के अवसर में नागपुर शहर से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ भिवापुर गांव ले जा रहे है । इस गाँव की जनसंख्या 10 हजार के करीब बताई जाती है । इसी गांव में आज से करीब 40 वर्ष पूर्व एक गरीब परिवार में नारू नामक बालक का जन्म हुआ । नारू जब 7 वर्ष के थे तभी से वे अमिताभ बच्चन के प्रति आकर्षित हुए उस जमाने मे टीवी किसी-किसी घर मे हुआ करता था नारू बड़ी बेसब्री से दूसरों के घर जाकर जब कभी अमिताभ की फ़िल्म नैशनल टेलीविजन में दिखाई जाती थी तब उनकी फिल्म जरूर देखा करते थे । उस समय स्थानीय कस्बो या गावों में जगह-जगह वीडियो पार्लर का दौर शुरू हुआ था तब नारू बच्चन अपने गुल्लक से जमा किये हुए पैसे निकालकर चोरी छिपे उनकी फिल्में देखने वीडियो पार्लर जाया करते थे ।
भिवापुर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेश भोरतेकर नारू बच्चन का सत्कार करते हुवे .
नारू की बढ़ती उम्र के साथ ही अमिताभ के प्रति उनका आकर्षण और अधिक बढ़ता गया । नारू जब भिवापुर कि सरकारी स्कूल में हाईस्कूल में पढ़ते थे तब वे भी अमिताभ बच्चन स्टाईल में लंबे-लंबे बाल बढ़ाया करते थे इसके लिए उन्हें घर मे और स्कूल में कई बार जमकर मार तक खानी पड़ी थी मगर वे अंत तक नही माने और आज भी वे अमिताभ की ही भांति अपनी केस सज्जा रखते है साथ ही उनके ही जैसी हूबहू वेशभूषा भी परिधान करते है । अमिताभ के प्रति उनके बढ़ते लगाव की वजह से उन्हें घर और स्कूल में शिक्षकों तथा सहपाठियों द्वारा “नारू बच्चन” इस नाम से संबोधित किया जाने लगा और वे जल्द ही इस नाम से इलाके में प्रसिद्ध भी हो गए ।
समय बीतता गया और बाल्यकाल खत्म हुआ समय के साथ नारू की भी उम्र बढ़ती गई और उन्होंने जवानी में कदम रखा । अमिताभ प्रेम की वजह से नारू अपनी पढ़ाई में ध्यान नही दे पाए और पढ़ाई बीच मे ही छूट गई । उस समय नारू ने ठाना की वे एकदिन अमिताभ बच्चन से जरूर मिलेंगे । यह बात जब वे किसी से कहते थे तो लोग उनपर हंसते थे उनका मजाक उड़ाते थे लेकिन नारू ने मन ही मन अमिताभ से मिलने का प्रण कर लिया था ।
नारू बच्चन नागपुर टुडे के पत्रकार रविकांत कांबळे का सत्कार करते हुवे
नारू बच्चन जब बड़े हुए तब उन्होंने घरवालो की सलाह पर भिवापुर मेन रोड पर एक चाय-नाश्ते की दुकान खोल दी जिसमे उन्होंने अभिनेता अमिताभ के बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर इस दुकान को “नारू बच्चन” चाय-नाश्ता सेंटर यह नाम दिया और जिंदगी जैसे तैसे चलने लगी इसी बीच उनके मातापिता ने उन्हें विवाह कर लेने की सलाह दी । नारू बच्चन ने विवाह किया और अपनी पत्नी का नाम बदलकर जया रखवा दिया । उसके बाद घर मे बेटे का आगमन हुआ तो उन्होंने उसका नाम अभिषेक रख दिया । कुछ वर्षों बाद घर में बिटियां का जन्म हुआ तो उसका भी नाम उन्होंने श्वेता रख दिया । आज नारू “नारू बच्चन” इस नाम से समूचे भिवापुर में विख्यात है वे हरवर्ष अमिताभ का जन्मदिन एक बड़ा सा केक काटकर और बड़ी धूमधाम से मनाते है इस दिन वे दिनभर अपने चाय-नाश्ता सेंटर से सभी नागरिकों को मुफ्त में चाय-नाश्ता खिलाते है ।
नारू का अमिताभ बच्चन के प्रति बढ़ता प्रेम देखकर स्थानीय मीडिया का ध्यान उनपर गया और उन्होंने अल्प समय मे ही अनेक स्थानीय तथा राष्ट्रीय अखबारों और लोकल तथा राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों में प्रसिद्धि पाई । नारू को मीडिया के सामने लाने में बीजेपी के वरिष्ठ नेता जनाब जमाल सिद्दीकी का काफी बड़ा रोल रहा है । नागपुर शहर और भिवापुर इलाके में नारू बच्चन की बढ़ती लोकप्रियता और उनके दृढ़ निश्चय की वजह से अंततः उनकी मुलाकात अभिताभ बच्चन से मुंबई में हो पाई । एकदिन नारू ने मन मे ठानी की अब किसी भी कीमत पर अमिताभजी से मिलना ही होगा और वे उनसे मिलने नागपुर से ट्रेन पकड़कर मुंबई निकल गए और ट्रेन से उतरकर सीधे अमिताभ बच्चन के बंगले “जलसा” गए ।
नारू ने भूखे-प्यासे रहकर अमिताभ के बंगले “जलसा” के बाहर 4-5 दिन फुटपाथ पर खड़े रहकर बिताए हररोज जलसा के बाहर सैकड़ो-हजारो की संख्या में खड़ी भीड़ देखकर नारू बच्चन घबरा गए मगर उन्होंने अंत तक हिम्मत नही हारी और गेट पर रोज लाखों मिन्नते करने के बाद जब अमिताभ को उनके बारे में विस्तार से बताया गया की उनका एक भक्त प्रशंसक बाहर खड़ा है और कहता है कि आपसे मिले बगैर वापस घर नही जाऊंगा तो उन्होंने नारू को बंगले के अंदर बुलाया और नारू द्वारा उनके लिए बनाये गए अल्बम को काफी देर तक उन्होंने ध्यान से निहारा और खुश हुए । नारू से अमिताभ बच्चन ने खुलकर बाते की और उनका हौसला बढ़ाते हुए उन्हें आशीर्वाद भी दिया । अमिताभ द्वारा मिले अपार स्नेह से नारू बहुत गदगद हुए और खुश होकर अपने गाँव भिवापुर चले आये ।
आज अमिताभ बच्चन का 79 वा जन्मदिन है हरबार की तरह इसबार भी नारू बच्चन ने काफी जोरशोर से तैयारियां कर अमिताभ का जन्मदिन एक बड़ा सा केक काटकर मनाया । हरवर्ष की तरह सभी नागरिकों को उनके द्वारा मुफ्त में दिनभर चाय-नाश्ता, ज्यूस वितरित किया गया । इस कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित थे साथ ही स्थानीय शीर्ष शिवसेना विधायक राजू पारवे, पूर्व विधायक सुधीर पारवे जैसे नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित इंडिया न्यूज के ब्यूरोचीफ राजेश तिवारी तथा राजेश जामभुले, वरिष्ठ पत्रकार, महासागर समाचार भी मौजूद थे। शिरकत की ।
आज नारू बच्चन किसी परिचय के मोहताज नही है स्थानीय लोगो के लिए वे किसी बड़ी सेलीब्रेटी से कम नही है उनकी दुकान में एकबार प्रसिद्ध अभिनेता शक्ति कपूर भी आ चुके है उन्होंने ने भी नारू के हाथ की बनी चाय का स्वाद चखा है । समूचे भिवापुर में आज भी बड़ी इज्जत के साथ “नारू बच्चन” इस नाम से उन्हें संबोधित किया जाता है । अंत मे नागपुर टुडे से की गई खास बातचीत में नारू बच्चन ने कहा कि उनका जीवन सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के लिए हुआ है उन्होंने अमिताभ जी की सभी फिल्में देखकर उनसे बहुत कुछ सीखा और पाया है । अमिताभ जी की सेहत बेहतर और वे हमेशा सेहतमंद रहे इसके लिए वे और उनका परिवार नित्य ईश्वर से प्रार्थना भी करते है । अमित जी उनके लिए एक भगवान की तरह है जीवन के अंत तक वे अमिताभ को इसीतरह पूजते और चाहते रहेंगे ।
– रविकांत कांबले