Published On : Tue, Jul 10th, 2018

नाणार प्रकल्प पर फिर सीएम ने उद्योगमंत्री को बोलने से रोका

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CM Devendra-Fadnavis

नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा एक बार फिर उद्योगमंत्री सुभाष देसाई की आवाज़ दबाते दिखे। वजह कोंकण के समुद्र किनारे में प्रस्तावित नाणार प्रकल्प है। इससे पहले सीएम ने अधिवेशन शुरू होने से पहले अपने सरकारी आवास रामगिरि में आयोजित पत्रपरिषद में पत्रकार द्वारा इसी विषय पर किये गए सवाल पर बोलने नहीं दिया था।

मंगलवार को विधान परिषद में कांग्रेस के नेता संजय दत्त ने लक्ष्यवेधी के माध्यम से इस प्रकल्प को लेकर सरकार से सवाल किया। खास है ये प्रकल्प उद्योग मंत्रालय के अधीन आता है। जब यह सवाल सदन में उठाया गया उस समय खुद उद्योगमंत्री सदन में उपस्थित थे बावजूद उत्तर मुख्यमंत्री ने दिया। वैंसे ये मुख्यमंत्री का अधिकार है की वह किसी भी मंत्रालय के सवाल का जवाब सदन में दे सकते है।

संजय दत्त के साथ ये सवाल शिवसेना के सदस्यों ने भी उठाया था। शिवसेना नाणार प्रकल्प पर अपना विरोध दर्ज करा रही है। सदन में यह सवाल आने पर मुख्यमंत्री ने खुद इस प्रश्न का जवाब देने का अनुरोध पीठसीन अधिकारी से किया था। जब सदन में यह लक्ष्यवेधी आयी उस समय सभापति की कुर्सी पर पीठासीन अधिकारी के रूप में उपसभापति माणिकराव ठाकरे उपस्थित थे। उन्होंने सूचना जारी की लेकिन तब तक मुख्यमंत्री सदन में मौजूद नहीं थे। जिसके चलते बीजेपी के सदस्यों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया जिससे देसाई जवाब नहीं दे पाये। बीजेपी सदस्यों ने मुख्यमंत्री के आने तक सूचना को प्रलंबित रखने की माँग की जिसे उपसभापति ने ख़ारिज कर दी।

कुछ देर चले हंगामे के बाद मुख्यमंत्री सदन में पहुँचे और विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने बताया की केंद्र सरकार से वेस्ट प्रूफ रिफायनरी तैयार करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत गुजरात,महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में तीन लाख करोड़ का निवेश होगा और एक लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गुजरात में रिफायनरी के चलते व्यापक आर्थिक उन्नति हुई है। यहाँ सिर्फ रिफायनरी के चलते जीडीपी में काफी ग्रोथ आयी है।

सिंगापूर पोस्ट में भी इसी तरह की रिफायनरी है। नाणार में जो विरोध हो रहा है उसमे कुछ स्थानीय और बाहरी लोग शामिल है। सरकार की नीयत साफ़ है इसलिए यह प्रकल्प किसी पर थोपा नहीं जायेगा। नीरी,आयआयटी पवई,पर्यावरणविद और सामाजिक संगठनो से चर्चा और तकनीकी अध्ययन के बाद रिफायनरी प्रोजेक्ट को लेकर फैसला लिया गया है। जिस जगह पर इसे स्थापित किया जाना है वह एमआयडीसी की ज़मीन में है। उद्योगमंत्री ने अपने कुछ सुझाव राज्य सरकार के पास भेजे है जिस पर अभी कोई फ़ैसला नहीं लिया गया है।

इस चर्चा में शिवसेना की नीलम गोरहे और नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने भी सहभाग लिया। मुंडे ने कई बार प्रयास किया की इस मुद्दे पर उद्योगमंत्री कुछ कहे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।