Published On : Thu, Dec 5th, 2019

विदर्भ का बैकलॉग दूर करे सरकार

नागपुर: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकासआघाडी की सरकार सत्ता में आने के बाद विदर्भ के विकास को लेकर चिंता का विषय बना हुआ है. विदर्भ में अब विकास होगा या नहीं इसे लेकर भी सभी डरे हुए है.

इस संबंध में विधानसभा के अध्यक्ष नाना पटोले ने साफ कर दिया की वे अधिवेशन के माध्यम से सरकार को विदर्भ के विकास और विदर्भ का बैकलॉग दूर करने की मांग करेगे. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि शीतसत्र अधिवेशन में विदर्भ के किसान, जनता, कामगार, बेरोजगारों को न्याय मिलना ही चाहिए. विदर्भ के सिंचाई प्रकल्पों को सरकार प्राथमिकता दें. विधायक विकास ठाकरे, प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे, बबन तायवाडे, किशोर गजभिये, प्रशांत पवार उपस्थित थे.

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उन्होंने कहा कि सिटी में होने वाले विधानसभा अधिवेश के दौरान ‘नागपुर करार’ का पालन किया जाए. वहीं मेरी पूरा प्रयास रहेगा कि विदर्भ के मुद्दों पर अधिक से अधिक चर्चा हो. अध्यक्ष बनने के पहले ही शीत सत्र का कार्यक्रम निश्चित हो गया था. अधिवेशन शुरू होने के बाद विधिमंडल का कामकाज सलाहगार समिति के समक्ष रखा जाएगा. विधान सभा का अध्यक्ष होने के नाते सभी को सामान्य न्याय दिलाने की कोशिश करूंगा.

उद्धव जो बोलते है वहीं करते है
किसानों को कर्जमाफी दी जाए या नहीं यह राज्य सरकार का विषय है. उद्धव ठाकरे ने पहले ही कह दिया है कि वह किसानों की चिंता दूर करेगे. उद्धव जो बोलते है वह करके दिखाते है. इस वजह से किसानों की कर्जमाफी के संबंध में निर्णय लेना सरकार की जिम्मेदारी है. महाराष्ट्र जैसे उन्नत राज्य में विदर्भ के किसान आत्महत्या कर रहे है. इस घटनाएं योग्य नहीं है. विधान सभा में किसानों की समस्याएं रखी जाएगी.

वन कानून से अटके प्रकल्प
गोसीखुर्द, धापेवाडा-२ जैसे सिंचाई प्रकल्प वन कानून की वजह से अटके पड़े हैं. निधि होने के बाद भी कानून के अडग्गे से खर्च नहीं किया जा सका. उमरेड में ‘जय’ नामक बाघ की मृत्यु के संबंध में संसद में प्रश्न पूछा था. जांच किये जाने पर इसके तार सीधे मंत्रालय से जुड़े होने की बात कही.

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