
पुलिस के अनुसार, बोखारा (कोराडी) में 3 एकड़ की जमीन 1991 में दिलिप सिंह, उनके बड़े भाई मोहब्बत सिंह, और उनकी बहनें परविंदर कौर व कमलजीत कौर ने मिलकर खरीदी थी। कमलजीत कौर के निधन के बाद उनकी हिस्सेदारी उनके तीन बेटों के नाम कर दी गई।
शिकायत में आरोप है कि 78 वर्षीय मोहब्बत सिंह ने फर्जी दस्तावेज बनाए, एक नकली पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की, और यहां तक कि परविंदर कौर को मृत घोषित कर दिया—जबकि वह जिंदा हैं—ताकि वह 40% जमीन अपने नाम करवा सकें। बाद में यह हिस्सा अपनी बेटी के नाम कर दिया गया।
यह रजिस्ट्री सक्करदरा स्थित डिप्टी सब-रजिस्टार के कार्यालय में हुई बताई जा रही है। खुद को ठगा महसूस कर, होटल और ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े दिलिप सिंह ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत शिकायत दर्ज कराई।
सक्करदरा पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक मुкунदा ठाकरे ने मामले की पुष्टि की और कहा कि दस्तावेजों व गवाहों के बयान की जांच जारी है, ताकि पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।








