नागपुर: शहर के सरकारी महिला चिकित्सालय डागा अस्पताल में जुड़वा बच्चो को जन्म देने के बाद महिला की मृत्यु हो गई। महिला की मौत के लिए मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिला की मृत्यु का कारण डॉक्टर द्वारा नार्मल डिलीवरी के लिए इंतज़ार करना रहा। शुक्रवार देर रात लगभग शांतिनगर में रहने वाली फरज़ाना परवीन को प्रसव का दर्द उठने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात डेढ़ बजे अस्पताल में भर्ती हुई फरज़ाना ने रात सवा दो बजे एक बच्चे को जन्म दिया। फरज़ाना के पेट में जुड़वाँ बच्चे थे। दूसरा बच्चा सुबह साढ़े पांच बजे गर्भ से बाहर आया। डिलीवरी में समय अधिक समय लगने की वजह से फरज़ाना के शरीर से काफ़ी ख़ून बह गया। शरीर में ख़ून की कमी से ही फरज़ाना की मृत्यु होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
मृतक महिला के परिजनों के मुताबिक ख़ून काफ़ी बह रहा था मगर फरज़ाना की निगरानी कर रहे डॉ पावने नामक डॉक्टर उसकी नार्मल डिलीवरी पर ही अड़े रहे। उनके इसी रवैय्ये की वजह से फरज़ाना को अपनी जान से हाँथ धोना पड़ा। मृत्यु के बाद परिजनों ने अस्पताल में भारी हंगामा किया। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी अस्पताल प्रशाषन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। जन्म के बाद से ही फरज़ाना के दोनों जुड़वाँ बच्चों को आईसीयू में रखा गया है।