Published On : Thu, Jun 7th, 2018

नागपुर पुलिस ने दाखिल की महाराष्ट्र की पहली डिजिटल चार्जशीट

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नागपुर: लगातार बढ़ रही आपराधिक वारदातों से अपराध की राजधानी के तौर टीका- टिप्पणी का शिकार बनी नागपुर पुलिस आज पूरे महाराष्ट्र में सराही जा रही है। इसकी वजह भी कुछ वैसी ही है। असल में नागपुर पुलिस के नाम राज्य में सबसे पहले डिजिटल चार्जशीट दाखिल करने का रिकार्ड दर्ज हुआ है। इसके चलते आज सबकी जुबान पर नागपुर पुलिस का नाम है।

महाराष्ट्र पुलिस वैसे भी आधुनिकता के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में आगे है। बड़े-बड़े मामले सुलझाने में हाईटेक जांच करनेवाली राज्य की पुलिस के नाम सीसीटीएनएस प्रणाली पर सबसे पहले अमल में लाने का रिकार्ड दर्ज है। ऑनलाइन वेरिफिकेशन के जरिए नागरिकों को तीन दिन में पासपोर्ट दिलाने में अव्वल रही नागपुर पुलिस ने डिजिटल चार्जशीट दाखिल कर एक और नया कीर्तिमान हासिल किया।

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नागपुर पुलिस के यशोधरानगर थानांतर्गत एकता कालोनी में 9 मार्च को हुई गांजा विक्रेता शेरू अली की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच कर कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया है। गांजा का पैकेट चोरी करने के विवाद में लुंबिनीनगर निवासी गोलू उर्फ कुणाल विद्याधर कांबले (29), कुणाल नरेंद्र वाघमारे (20) और बुध्दनगर पार्क निवासी राहुल भीमराव इंगले (24) ने शेरू की खंजर घोंपकर हत्या कर दी थी। शेरू पर एनडीपीएस एक्ट के कई मामले दर्ज थे और वह बड़े पैमाने पर गांजे की बिक्री करता था। पुलिस ने उसी दिन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

यशोधरानगर के थानेदार पी.वाई. मेश्राम ने जांच दल को बारीकी से मामले की जांच करने के आदेश दिए। कोई भी गवाह या पंच अपने बयान से न मुकर पाए इसीलिए सभी के बयान की वीडियो रिकार्डिंग की गई। उनके वॉइस के साथ बयान दर्ज किया गया है। इसके अलावा इंक्वेस्ट और घटनास्थल पंचनामा का भी छायाचित्रण किया गया। सभी दस्तावेजों की स्कैनिंग करके डिजिटल चार्जशीट तैयार की गई और मंगलवार को उसे अदालत में दायर किया गया। नागपुर के पुलिस आयुक्त के. वेंकटेशम ने यशोधरानगर पुलिस को बधाई दी। पुलिस उपायुक्त सुहास बावचे के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक मेश्राम, उपनिरीक्षक रंदई, हेड कांस्टेबल मंगेश देशमुख, लक्ष्मीकांत, राजेंद्र चौगुले और किशोर बिजवे ने जांच में अहम भूमिका निभाई।

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