Published On : Thu, Jun 7th, 2018

शहर में चल रहे निर्माणकार्य के कारण मेडिकल के नेत्रविभाग में बढ़े मरीज

GMCH, Nagpur

नागपुर: नागपुर शहर में कई महीनों से मेट्रो और सड़कनिर्माण के कार्य चल रहे हैं. रोजाना कई जगहों पर सीमेंट, रेत, जगह जगह पर खुदाई चलने की वजह से और शहर में ख़राब सडकों से लगातार उड़नेवाली धूल मिट्टी के कणों से मेडिकल हॉस्पिटल के नेत्रविभाग में रोजाना 8 से 10 मरीज धूल मिटटी आंखों में जाने के इलाज के लिए आने लगे हैं.

अगर महीने भर का आंकड़ा देखा जाए तो एक महीने में करीब 250 से 300 मरीजों की आँखें केवल सड़कों से उड़नेवाली धूल मिट्टी से प्रभावित हुई है. हालांकि आँखो में धूल जाने के कारण अगर समय पर आँखों ल के डॉक्टर को दिखाया जाए तो तुरंत इसे साफ़ कर दिया जाता है. लेकिन अगर नहीं दिखाया गया तो इसमें एक हफ्ते का समय भी लग सकता है.

Gold Rate
28 Oct 2025
Gold 24 KT ₹ 1,21,000 /-
Gold 22 KT ₹ 1,12,500 /-
Silver/Kg ₹ 1,46,900/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

या तो फिर इन्फेक्शन भी हो सकता है. गर्मी में इसका ज्यादा असर शहर में देखने को मिला है. पिछले वर्ष से देखने में आया है कि शहर में सड़कों से उड़नेवाली गिट्टी के छोटे छोटे कण, मिट्टी बड़े प्रमाण में वाहनों की आवाजाही होने पर उड़ने लगती है. जिसके कारण इसका असर बड़े फोर- व्हीलर वाहनचालकों पर तो नहीं होता है. लेकिन दुपहिया वाहनचालकों पर इसका ज्यादा असर होता है. जिसके कारण दुपहिया वाहनचालक, सड़क पर मजदूरी का कार्य करनेवाले लोग इस प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग प्रमुख और डेप्युटी डीन डॉ. अशोक मदान ने बताया कि मेडीकल हॉस्पिटल के नेत्रविभाग में रोजाना कई मरीज विभिन्न तकलीफों के साथ आते हैं. इनमें से 8 से 10 मरीज रोजाना आंखो में धूल मिट्टी जाने की समस्या के कारण आते हैं. उन्होंने बताया कि धूप के कारण भी मरीज बढ़े हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अगर आंखों में मिट्टी या धूल जाती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. जिससे आंखों में इन्फेक्शन होने से पहले आंखों से धूल मिट्टी को साफ़ किया जा सके. उन्होंने आंखो में किसी भी तरह की धूल-मिट्टी न जाए इसको लेकर सावधानी बरतने की सलाह भी उन्होंने दी है.

Advertisement
Advertisement