Published On : Sat, Dec 1st, 2018

खानापूर्ति के लिए आयोजित जनसंवाद के लिए मंगलवारी ज़ोन सुसज्ज

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जोन इमारत जर्जर,कुछ घंटे के कार्यक्रम के लिए किया गया लाखों का खर्च

नागपुर : नागपुर महानगरपालिका प्रशासन के कथनी और करनी पर बड़ा फर्क नज़र आ रहा हैं,एक तरफ कड़की दर्शाकर ठेकेदारों को ‘न घर का और न घाट का’ बना दिया तो दूसरी ओर राजनैतिक उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम ‘जनसंवाद’ पर मंगलवारी जोन प्रशासन द्वारा किया गया लाखों का खर्च समझ से परे हैं.

ज्ञात हो कि उक्त आगामी सोमवार को आयोजित जनसंवाद और महापौर का प्रभाग निहाय दौरा पूर्णतः राजनीति से प्रेरित हैं.इन कार्यक्रमों से जनता को उम्मीद के अनुरूप लाभ मिलना मुश्किल हैं.महापौर के दौरों से जनता का आक्रोश सार्वजानिक हो चूका हैं.उसी तरह जनसंवाद कार्यक्रम है हाल होना तय हैं,इस कार्यक्रम के तहत पालकमंत्री की फटकार और निर्देश ही चर्चे में रहेंगी।

पालकमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम का एकमात्र मकसद आगामी लोकसभा चुनाव पूर्व तैयारी के रूप ने देखा जा रहा हैं.

चंद घंटों के जनसंवाद कार्यक्रम को चार चाँद लगाने के लिए मंगलवारी ज़ोन ने मनपा के कड़की खजाने से लगभग ७ लाख रूपए फूंक चुकी हैं.दूसरी ओर जोन की मुख्य इमारत की जर्जर दशा के लिए प्रशासन के पास वक़्त नहीं हैं.परिसर एक कबाड़ख़ाने का रूप ले चूका हैं.मुख्य इमारत के पीछे की दीवारों पर विशालकाय पेड़ों का अतिक्रमण हैं,इसी जगह अतिक्रमण को हटाने का प्रयास आजतक नहीं किया गया.

स्वास्थ्य विभाग:- विभाग के प्रमुख और निरीक्षक लाभ के लिए सक्रिय हैं.ज़ोन क्षेत्र गंदगियों से भरमार हैं.कोराडी रोड पर वॉक्स कूलर फैक्ट्री के पीछे शिवकृष्ण धाम के ३८० कच्चे-पक्के घरों को जोन के कर विभाग ने ४००० से लेकर १२००० रूपए का डिमांड भेजा लेकिन साफ़-सफाई के नाम पर कभी कोई पहल नहीं की जाती।ऐसा लगता हैं कि कचरों में हज़ारों नागरिक जीवन यापन कर रहे.इस परिसर में जोन ने अतिक्रमण कर अवैध रूप से स्वच्छ भारत अभियान के तहत सार्वजानिक शौचालय का निर्माण किया गया.जब स्वच्छ भारत अभियान की टीम आई थी,तब एक दफे शौचालय के इर्द-गिर्द साफ़ सफाई हुई थी.

जोन के कार्यक्षेत्र में कभी खुद ब खुद कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया जाता।गिला-सूखा कचरों के लिए लगाए गए डब्बों की दुर्दशा देखने लायक हैं,नियमित कचरों का संकलन न होने से छोटे-छोटे कचरों का ढेर प्रभाग को अस्वच्छ कर रखा हैं.विभाग को नियमित शिकायतें मिल रही लेकिन विभाग प्रमुख और निरीक्षक ‘उलटे घड़े’ की तरह बर्ताव कर रहे.

जोन के कर विभाग के निरीक्षक चेहरा देख कर अंकेक्षण और कर वसूली कर रहे.दर्जनों अतिक्रमण को कर विभाग के निरीक्षक शह दे रहे.इसलिए घरों के हिसाब से संपत्ति कर वसूली ने दम तोड़ दिया हैं।

उल्लेखनीय यह हैं कि जनसंवाद कार्यक्रम के तहत प्राप्त समस्याओं में सामान्य समस्याओं कही समावेश हैं,विभाग के शह पर ग़ैरकृतों को लेकर न के बराबर ही मामलात आये हैं.क्यूंकि ऐसे मामलात आते ही सम्बंधित विभाग के अधिकारी-कर्मी जिसके खिलाफ मामलात होती हैं,उसे पहले ही अवगत करवा रहे हैं,इस चक्कर में निवेदनकर्ता संकट में आ जाता हैं.

जब तक जोन के अधिकारी-कर्मी के कामों का अंकेक्षण नहीं शुरू किया जाता ,तबतक जोन अंतर्गत प्रभाग समस्यामुक्त नहीं हो सकती।