Published On : Tue, Jul 3rd, 2018

पिछली सरकार में भतीजा का चाचा कौन था सदन में दूँगा ज़वाब- मुख्यमंत्री

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नागपुर – मुंबई कांग्रेस द्वारा नवी मुंबई में सरकार की ज़मीन बेहद सस्ती दर में पेरेडाइज बिल्डर को बेचे जाने के आरोप का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया। उपराजधानी में मानसून सत्र के लिए सीएम द्वारा आयोजित चाय पार्टी में आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद क़रार दिया। सीएम ने कहाँ विपक्ष ने ज़मीन सिडको की होने का दावा किया है जो सरासर ग़लत है। ये ज़मीन सरकार की जरूर है लेकिन इससे जुड़े सभी अधिकार जिलाधिकारी के पास है। इस ज़मीन से जुडी फाइल उन तक पहुँचती ही नहीं। जिस ज़मीन को लेकर भ्रस्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है रेडीरेकनर के हिसाब से उसकी क़ीमत 5 करोड़ 30 लाख रूपए ही है। ये ज़मीन किसानो को आवंटित की गई थी और उन्ही की मध्यस्तता से इसे बिल्डर ने ख़रीदा।

सोमवार को मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम,पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्र परिषद लेकर इस मामले में सीधे मुख्यमंत्री की सहभागिता का आरोप लगाया था। कांग्रेस द्वारा कहाँ गया की जिस बिल्डर को ज़मीन दी गई वो मुख्यमंत्री के करीबी बीजेपी विधानपरिषद सदस्य प्रसाद लाड का करीबी मनीष भतीजा है। इसी ईलाके में पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 200 किसानों की ज़मीन का सातबारा वितरित किया गया था। उन्होंने कहाँ पिछली सरकार में भतीजा का चाचा कौन था इसका खुलासा वो सदन में करेंगे। पहले इस ज़मीन को बेचा नहीं जा सकता था।

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वर्ष 2004 -5 में निर्णय के बाद ज़मीन को वर्ग दो से वर्ग एक में हस्तांतरित किया गया था। विपक्ष इस मामले की जैसी जाँच चाहता है उसमे राज्य सरकार सहयोग करेगी। मुंबई के अँधेरी में बुधवार को फुट ओवर ब्रिज हादसे पर मुख्यमंत्री ने कहाँ की एल्फिंस्टन स्टेशन में हुए हादसे के बाद ब्रिजों के ऑडिट का आदेश दिया गया था। इस ब्रिज का ऑडिट हुआ है या नहीं इसकी जानकारी ली जाएगी। आवश्यकता पड़ी तो जाँच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई भी होगी। हादसा हुआ है तो गलती किसी की भी हो बीएमसी,राज्य या केंद्र सरकार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने फिर एक बार साफ़ किया की कोंकण में प्रस्तावित नाणार प्रकल्प को किसी पर थोपा नहीं जाएगा।

ऑनलाइन एंट्री में छेड़छाड़ करने वालो पर दर्ज होंगे फौजदारी के मामले

मुख्यमंत्री ने बताया की कर्जमाफी की प्रक्रिया में ऑनलाइन एंट्री में ज़्यादा मुआवजा हासिल करने के लिए बदलाव किया गया। ऐसी करीब 5 हजार के लगभग शिकायतें सामने आयी है। इस शिकायतों की जाँच की जा रही है। कम्प्यूटर में किया जाने वाला बदलाव छुप नहीं सकता इसलिए दोषी पकड़ में होंगे। ऐसे लोगो पर फौजदारी मुक़दमे दर्ज करने की जानकारी मुख्यमंत्री ने दी। उन्होंने बताया की बीते सरकार के कार्यकाल में 7 वर्ष के दौरान 17 से 18 हजार करोड़ की कर्जमाफी हुई। जबकि हमारी सरकार के पहले वर्ष में 40 हजार,दूसरे वर्ष में 46 हजार और तीसरे वर्ष में लगभग 25 हजार करोड़ की कर्जमाफी हुई। विपक्ष कर्जमाफी के लाभार्थियों को लेकर सवाल उठा रहा है लेकिन परिषद और सभा के सभी सदस्यों को बाकायदा पेन ड्राईव में लाभार्थियों की लिस्ट दी गई है। सरकार का मानस है अंतिम किसान को कर्जमाफी का लाभ मिले इसलिए योजना को शुरू रखा गया है।

27 विधेयक होंगे पेश

सीएम ने मानसून सत्र में 27 विधेयक पेश किये जाने की जानकारी देते हुए बताया की विदर्भ,मराठवाड़ा जैसे पिछड़े इलाको के विकास के साथ ही किसान और नए कानूनों पर सत्र में चर्चा होगी। विपक्ष के सभी प्रश्नों और चर्चा का ज़वाब देने की तैयारी सरकार की है।

विपक्ष की अफ़वाह का दिया जाएगा जवाब

मुख्यमंत्री की पत्र परिषद से पहले विपक्ष ने पत्रपरिषद ली। जिसमे विपक्ष ने सरकार को अफवाहों की सरकार क़रार दिया। विपक्ष के इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहाँ ये राजनीतिक अफ़वाह है जिसका उसी अंदाज में जवाब दिया जाएगा। विपक्ष के आरोप अफ़वाह जैसे है धनगर समाज के आरक्षण के मुद्दे पर और मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल के बयान को तोड़ मरोड़कर पेश कर विपक्ष अफ़वाह फैला रहा है।

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