Published On : Sat, May 5th, 2018

​क्या गोंदिया के ‘दावत’ का था हवाला की रकम ​?

Advertisement


नागपुर/गोंदिया – विगत दिनों नंदनवन पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी तथा पुलिसकर्मियों द्वारा हवाला के करोड़ों रुपयों को लूट रातोरात करोड़पति बनने का उनका सपना अंततः अधूरा ही रह गया । विश्वस्त सूत्रों की माने तो ​अभी भी इस लूट की घटना का मास्टरमाइंड यानी मुख्य सूत्रधार पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं जिसकी वजह से इस मामले से जुड़े कई अनसुलझे राज अब भी सार्वजनिक होने के पहले कुछ शातिर लोगो द्वारा इसे दफ़नाने की साजिशें अब भी जारी हैं ।

​नागपुर टुडे को मिली गुप्त जानकारी के अनुसार ​यह प्रकरण गोंदिया के नामी गिरामी नेताओ तथा चावल कारोबारीयो के इर्द-गिर्द ही घूम रही हैं । राज्य के गृह मंत्रालय ने अगर इस मामले की सूक्षम जाँच की तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता हैं लेकिन ऐसा फिलहाल मुमकिन नज़र नहीं आ रहा क्यूंकि अपने खासमखास हवाला कारोबारी के लिए उक्त कद्दावर नेता मामला रफादफा करने हेतु अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा रहे हैं!

ज्ञात हो कि हवाला कांड के पैसों की जप्ती के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा की गई डैकेती मामले में नंदनवन पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक सोनोने सहित दो शातिर सिपाहियों को गिरफ़्तार किया गया है।

Gold Rate
28 April 2025
Gold 24 KT 95,700 /-
Gold 22 KT 89,000 /-
Silver / Kg 97,200 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

29 अप्रैल की रात हवाला के रुपयों के बारे में मिली गुप्त जानकारी के आधार पर नंदनवन पुलिस द्वारा प्रजापति चौक नागपुर में की गई नाटकीय कार्रवाई के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने षड्यंत्र रचकर बरामद 5 करोड़ 73 लाख रूपए में से 2 करोड़ 54 लाख 92 हज़ार,800 रूपए हजम कर लिए थे। इस षडयंत्र में नंदनवन थाने के पुलिस निरीक्षक सुनील पांडुरंग सोनवणे,उसका राईटर विलास भाऊराव वाडेकर और ड्राईवर सचिन शिवकरण भजबुले शामिल था। शुक्रवार को इस मामले से जुड़े सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी की जानकारी पुलिस विभाग द्वारा मिडिया को दी गई ।

घटना के दौरान कार में मौजूद ऱकम को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर विराम लगाते हुए डीसीपी नीलेश भरने ने बताया की पुलिस को सूचना देने वाले खबरियों द्वारा 2 लाख 10 हज़ार 120 रूपए छोड़कर सारी रकम बरामद कर लिए जाने का दावा किया गया है। कार में बरामद रक़म की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद अली हुसैन जिवानी नामक शख्श ने रक़म पर अपना दावा पेश करते हुए एम एच 31 एफ ए 4611 नंबर की डस्टर कार में 5 करोड़ 73 लाख रूपए होने का दावा किया। उसके द्वारा नंदनवन थाने में गुरुवार को एफआयआर दर्ज़ कराई गई। इस मामले में कार्रवाई के लिए गए पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली पर पहले से ही संदेह निर्माण हो रहा था। एफआयआर दर्ज़ होने के बाद पुलिस महकमें के ही एसीबी स्तर के अधिकारी को जाँच का जिम्मा सौंपा गया। जाँच में तीनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए जिसके बाद उन्हें गिरफ़्तार कर शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया।

दूसरी ओर गोंदिया व नागपुर के सूर्यनगर,धंतोली,खामला के सूत्रों ने जानकारी दी कि उक्त हवाला की रकम १० करोड़ के आसपास थी,जिसमें से आधी रकम मुख्य सूत्रधार ने गायब कर दी । यह राशि गोंदिया के एक ​कद्दावर नेता और उसके काफी नजदीकी ‘दावत’ के कारोबारी की हैं । यह कारोबारी गोंदिया के वर्त्तमान वरिष्ठ विधायक और राष्ट्रिय ​नेता के कालेधन को ठिकाने लगाने तथा उसके पोषण का जिम्मा संभालता हैं । इस कारोबारी के नागपुर स्थित सूर्यनगर, वर्धमान नगर में काफी हितैषी हैं, इन हवाला कारोबारियों का इस गोरखधंदे में मासिक ‘टर्नओवर’ ही करोड़ो, अरबो में हैं साथ ही इनके मार्फ़त जमीन के कारोबार में इन कारोबारीयो ने बड़े बड़े शहरो में करोड़ों का भूमि निवेश भी कर रखा हैं ।

मजेदार बात यह हैं कि ऐसा कालाधन जब भी पकडा जाता हैं तो कोई न कोई कारोबारी सामने आकर उसके व्यवसाय के पैसे होने का झूठा दावा कर छुड़ाने की कोशिश करता रहा हैं.लेकिन समाचार लिखे जाने तक उक्त करोड़ों की रकम वापिस प्राप्ति के लिए किसी का दावा नहीं किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है ।

सूत्रों के अनुसार करोडो के हवाला कांड के लूट का ​​मुख्य सूत्रधार आज भी फरार हैं,जानकारी मिली हैं कि उसी ने हवाले की आधी रकम हजम कर ली हैं.​ सूत्र बताते है की ​मुख्य सूत्रधार खामला के नामचीन फ्लैट स्कीम का निवासी होने के साथ ही साथ धंतोली में कम्प्यूटर का व्यवसायी हैं.इस व्यवसाय के मार्फ़त वह कईयों को चुना लगा चूका हैं, उस पर बैंक के साथ लाखो करोडो की ठगी के शहर के कई बैंकिंग क्षेत्र में विवाद शुरू हैं।

दूसरी ओर हवाला की इस लूट में शामिल ये सभी शातिर आरोपी २ साल पहले ​​वाशिम में फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर स्थानीय नेता के यहां हुई झूठी ईडी रेड यानी चर्चित लूट में भी शामिल थे.उस वक्त इनमे से मुख्य सूत्रधार को बचाने के लिए वाशिम पुलिस ने ले देकर मामला रफा दफा कर दिया गया था. ​इस प्रकरण मे गिरपतार २ आरोपी ​ ​वाशिम में हुई झूठी ईडी रेड मे भी शामिल थे.

Advertisement
Advertisement