Published On : Thu, May 3rd, 2018

बिना अग्निसुरक्षा की व्यवस्था के मोबाइल टॉवर दे रहे खतरे का आमंत्रण

Advertisement
mobile towers

File Pic

नागपुर: मोबाइल फोन धारकों की संख्या दिनोंदिन बढ़ते जा रही है और कम्पनियां उपभोक्ताओं को 3जी और 4जी नेटवर्क देने के चक्कर में मोबाइल टावर्स की संख्या बढ़ाते जा रही है. अच्छे नेटवर्क के लिए टावर्स तो होने भी चाहिए, लेकिन कम्पनियां टावर्स लगाने में सरकार के नियमों की जो धज्जियां उड़ा रही हैं, उससे समस्या भी बढ़ते जा रही है. शहर में आज बड़ी तेजी से बिल्डिंगों की छतों पर टावर्स लगाए जा रहे हैं. जैसी बिल्डिंग मिली वहां पर टावर को फिट कर दिया जा रहा है, लेकिन कम्पनियों द्वारा यह भी देखा नहीं जा रहा कि वह अधिकृत बिल्डिंग है भी कि नहीं. इतवारी और गांधीबाग जैसे मार्केट क्षेत्र में रूफ टाप गोदामों की तरह ही रूफ टाप मोबाइल टावर खतरा बनते जा रहे हैं. टावर के साथ छत पर ही उसे कंट्रोल करने के लिए केबिन, स्ट्रक्चर की ऊंचाई तक केबल, कैबिन तक केबलों का जाल और ठंडक लाने के लिए कूलर के साथ ही बैकअप के लिए डीजल जनरेटर जैसी ज्वलनशील वस्तुएं होने के बावजूद कम्पनियों द्वारा फायर फाइटिंग की किसी तरह से सुविधा न करना लोगों के लिए खतरा साबित हो सकता है. तापमान बढ़ने के कारण यह ज्वलनशील वस्तुओं में छोटी सी चिंगारी भी लगी, तो यह सब कुछ स्वाह कर सकते हैं. फायर विभाग के कायदे अनुसार 15 मीटर से ऊपर की बिल्डिंग के लिए टावर लगाने के लिए एनओसी लेना आवश्यक है. वहां पर फायर फाइटिंग लगाना बहुत ही आवश्यक है. 15 से कम ऊंचाई वालों को किसी तरह की एनओसी नहीं लेनी पड़ती.

ज्ञात हो कि एक टावर लगाने के लिए कंट्रोलिंग के लिए कैबिन से लेकर स्ट्रक्चर के साथ हर तरह की सुविधा करनी पड़ती है, जिसके लिए सरकार के हर नियम शर्तों को पूरा करना पड़ता है, लेकिन शहर के अन्य हिस्सों की तरह ही सबसे बड़े मार्केट क्षेत्र इतवारी और गांधीबाग की बिल्डिंगों में कई टावर्स अवैध रूप से लगाए गए हैं. नियम के अनुसार 15 मीटर के ऊपर फायर विभाग की एनओसी लेनी पड़ती है, लेकिन यहां पर कई टावर्स 25 मीटर ऊपर लगे हैं. और तो और, मार्केट में जिन बिल्डिंगों पर टावर्स लगे हैं, वे टावर्स के लिए वैध भी नहीं है. मार्केट क्षेत्र होने के कारण यहां सुबह से लेकर रात तक लोगों की भीड़ बनी रहती है, जिसके चलते मार्केट की सड़कें संकरी हो जा रही है. ऐसे में रूफ टाप टावर्स से आग जैसा हादसा होता है, तो एक बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता. प्रशासन को अपनी कुंभकर्णी नींद से जागकर नियमों को ठेंगा दिखाकर टावर्स लगाने वाली कम्पनियों के खिलाफ कार्रवाई कर टावर्स को शीघ्र ही निकालना चाहिए. मार्केट क्षेत्र की बिल्डिंगें काफी पुरानी हो चुकी हैं, जो कि कभी अभी जवाब दे सकती हैं. प्रशासन के अधिकारियों और कम्पनियों के बीच लेनदेन से बिना किसी क्लीयरेंस से शहर में ऐसे अवैध टावर्स की संख्या बढ़ते जा रही है.

उल्लेखनीय यह हैं कि कुछ थोड़े से पैसों के चक्कर में कम्पनियों को टावर लगाने का क्लीयरेंस देकर प्रशासन के अधिकारी लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं. टावर लगाने के लिए इतना तामझाम किया जाता है, लेकिन इसके लिए किसी तरह के सुरक्षा गार्ड को नहीं लगाया जाता है. सुरक्षा गार्ड रहे, तो किसी तरह की अनहोनी होने से पहले सचेत भी कर सकता है. वहीं बिल्डिंग वालों को अच्छा-खासा किराया आने से वे भी इससे होने वाले खतरे को नजरअंदाज कर देते हैं. वर्ष 2017 के अगस्त माह में कुछ नगरसेवकों ने मनपा सभा में बढ़ते अनधिकृत टावर्स को लेकर अपना रोष प्रकट करते हुए आवाज भी उठाई थी और बताया था कि शहर में करीब 551 टावर हैं, जिसमें से 126 टावर्स अनधिकृत हैं. आज ऐसे टावर्स की संख्या और अधिक बढ़ गई है. लेकिन प्रशासन ने तब से लेकर अब तक अनधिकृत टावर्स लगाने वाली कम्पनियों के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की.

Gold Rate
Saturday 22 March 2025
Gold 24 KT 88,100/-
Gold 22 KT 81,900 /-
Silver / Kg 98,000 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

फायर विभाग जांच करे, तो एक बड़ा खुलासा हो सकता है कि मार्केट के साथ शहर में किन-किन स्थानों पर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए टावर्स लगाये गये हैं, लेकिन विभाग हमेशा ही जांच अधिकारियों की कमी का रोना रोता रहता है. इसी के चलते कम्पनियां धड़ल्ले से नियम-कानून को आड़ में रखकर अपना जाल फैलाते जा रही हैं. कम्पनियों को दूसरों की सुरक्षा से कोई लेना नहीं है, बल्कि उन्हें अपने नेटवर्क और प्राफिट से ही मतलब है. वे इस तरह से मनपा प्रशासन के करोड़ों रुपये रेवेन्यू को डुबाने का काम कर रही हैं. प्रशासन को अभी से चेत जाना चाहिए, नहीं तो कोई बड़ा हादसा होने में देर नहीं लगेगी.

Advertisement
Advertisement