Published On : Thu, Jun 17th, 2021

जिलाधिकारी में NA के मामले प्रलंबित

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– विशेष या रिश्तेदार की सिफारिश पर गौर किया जा रहा,अधिकांश आवेदक जिलाधिकारी के रवैय्ये से नाराज,जल्द मिलेंगे मंत्री एकनाथ शिंदे से

नागपुर – पिछले डेढ़-2 साल से जिलाधिकारी कार्यालय के कामकाज का तौर-तरीके में काफी बदलाव आ गया हैं। सिर्फ विशेष जनप्रतिनिधि या फिर रिश्तेदारों की सिफारिश पर काम हो रहे। ऐसा ही कुछ मामला इनदिनों NA (NON AGRICULTURE) करने हेतु आवेदन करने वालों में तीव्र नाराजगी देखी जा रही। इसने संगीन आरोप हैं कि कई लेआउट वालों आदि के NA का प्रस्ताव पिछले 6-7 माह से जिलाधिकारी कार्यालय में प्रलंबित हैं, जिला प्रशासन में जिम्मेदार अधिकारी के रिश्तेदार जैसों की सिफारिश पर आनन-फानन में NA के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा रही।

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यह भी आरोप हैं कि NA करने वाले अधिकारियों के समूह के चिन्हित दलालों को तरजीह दी जा रही,फिर इस क्रम में जनप्रतिनिधियों के भी समावेश हैं।इस हिसाब से सबसे निष्क्रिय जिलाधिकारी होने की संज्ञा भी दी जा रही हैं।

जिलाधिकारी कार्यालय में सीधे या फिर NMRDA के मार्फत NA के प्रस्ताव मंजूरी के लिए आते हैं। NMRDA के अधीन 725 गांव आते हैं, इन गांवों अंतर्गत खेती की जमीनों को NA करने के लिए पहले NMRDA के समक्ष आवेदन करना पड़ता हैं, इनकी तहकीकात के बाद NMRDA खुद जिलाधिकारी के पास उसे मंजूरी हेतु भेजती हैं।ऐसे मामलों में जिलाधिकारी सीधा NA की प्रक्रिया अपने स्तर पर कर उसे मंजूरी या नामंजूरी प्रदान करता हैं।

दूसरी ओर उक्त गांवों को छोड़ जिले के शेष गांवों अंतर्गत खेतों को NA करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में संबंधित कागजातें संलग्न कर आवेदन किया जाता। इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय नगर रचना,बिजली विभाग,ग्राम पंचायत आदि को नोटिस भेज NOC मंगवाती हैं, इसके बाद जिलाधिकारी NA की अनुमति हेतु अंतिम प्रक्रिया पूर्ण करते हैं।

उल्लेखनीय यह हैं कि कोविड काल में उसकी आड़ में जिलाधिकारी कार्यालय का कामकाज बड़ा संदिग्ध हो चुका हैं। जनहित,सरकारी राजस्व हित आदि कार्यों को तरजीह नहीं दी जा रही। इससे सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान हो रहा हैं। फिर चाहे उमरेड के 1200 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जे का हो या फिर जिले की खनिज संपदा का अवैध दोहन का मामला हो,इन्हें जिलाधिकारी सिरे से नज़रअंदाज कर रहे।इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से भी पत्र/निवेदन की महत्व नहीं दी जा रही।उलट जिलाधिकारी कहते हमें कुछ मत कहो,राज्य सरकार से कहो।

उक्त प्रकरण चल ही रह था कि NA के आवेदकों को जिलाधिकारी द्वारा पिछले 6-7 माह से झटके देने का मामला इनदिनों जिलाधिकारी परिसर में गर्माया हुआ हैं। उक्त मामले पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो एक शिष्टमंडल मंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर न्याय की गुहार करेंगे।

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