नागपुर: ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फ़ैसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 10 सितंबर को अपनी बैठक में मंथन करेगा। देश भर के करीब 300 सदस्यों वाली बोर्ड की बैठक अगले महीने की 10 तारीख को भोपाल में आयोजित है। इस बैठक में बोर्ड के क़ानूनी सलाहकारों को भी बुलाया गया है जिनसे फ़ैसले पर चर्चा की जाएगी।
बोर्ड के सदस्य वहाब पारेख ने देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा दिए गए फ़ैसले पर सम्मान जताया है। पर उनका कहना है की ट्रिपल तलाक इस्लाम के ही ख़िलाफ़ है बावजूद इसके कोई तलाक देता है तो इसका असर कई जिंदगी पर पड़ता है। वह खुद ट्रिपल तलाक के विरोधी है इसके लिए लंबे समय में से मुस्लिम समाज में जनजागृति फ़ैलाने का काम कर रहे है। उनका साफ़ तौर पर मानना है की इस्लाम में तीन तलाक देना वर्जित है। उनके मुताबिक भले ही देश की सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया है पर इस पर जनजागृति से ही रोक लगायी जानी चाहिए।
इस फ़ैसले पर आगे का रुख मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 10 सितंबर की बैठक के बाद तय करेगा। इस बैठक में बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल के साथ क़ानूनी सलाहकार जाफ़रियाज गिलानी,एडवोकेट यूसुफ मुशायरा के साथ अन्य क़ानूनी सलाहकर उपस्थित रहेंगे। इस बैठक में ही आदेश के खिलाफ याचिका करने या न करने का फ़ैसला भी लिया जायेगा। वहाब पारेख ने पांच जजों की खंडपीठ में से दो जजों के ट्रिपल तलाक पर स्पष्ट किये गए रुख का जिक्र करते हुए कहाँ की आदेश बहुमत के आधार पर हुआ है ,इसमें सभी जजों की सर्वसम्मति नहीं थी। यानि कानून के जानकर भी इस मसले पर अलग रुख रखते है। पारेख ने यह भी कहाँ की क़ानून पर अगर सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से मशविरा लेती है तो बोर्ड अपने सुझाव और विचार भी जरूर सुझाएगा।