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नागपुर: गणेश चतुर्थी 25 अगस्त शुक्रवार से शुरू हो रही है. पर्यावरण को बचाने के लिए शहर के सक्करदरा तालाब में विसर्जन पर पाबंदी लगाई गई है. नागपुर महानगर पालिका भी शहर की सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से नागरिकों को गणेश विसर्जन कृत्रिम तालाबों में करने की सलाह दे रही है. इस बार शहर में गणेश विसर्जन के लिए लगभग 184 कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं.
शहर के 10 झोन में मांग के हिसाब से कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं. प्रत्येक झोन में 20 से 25 कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं. कहीं पर कम तो कहीं पर परिसर के हिसाब से यह कृत्रिम तालाब बन रहे हैं. शहर में विभिन्न विसर्जन की जगहों पर निर्माल्य कलश भी लगाए जाएंगे. हालांकि देखने में आया है कि कई जगहों कुछ साल पहले लगाए गए निर्माल्य कलश पूरी तरह से टूट चुके हैं, जिसके कारण नए निर्माल्य कलश विभिन्न विसर्जन की जगह पर इस बार दिखाई देंगे.
नागपुर महानगर पालिका के स्वास्थ अधिकारी डॉ. प्रदीप दासरवार ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी कृत्रिम तालाबों को बनाने का कार्य शुरू है. जोन के हिसाब से सभी परिसर में कृत्रिम तालाब बनाकर दिए जा रहे हैं. गणेश चतुर्थी होने के बाद दूसरे, सातवें और दसवें दिन निर्माल्य कलश सभी विसर्जन स्थलों पर दिखाई देंगे. शहर को स्वच्छ रखने के लिए सामाजिक संस्थाएं भी मदद कर रही हैं.