Published On : Tue, Jan 21st, 2020

मुंबई मैराथन में गोंदिया के खिलाड़ी चमके

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55000 धावकों के बीच जिले के 8 आदिवासी खिलाड़ियों ने मारी बाजी

गोंदिया; मुंबई मैराथन का एक बड़ा क्लेवर होता है, इसमें खास जोश और ़जज्बा ऩजर आता है। रविवार को हुए दौड़ के इस पर्व में देश के अलग-अलग शहरों से आए ५५००० धावकों ने हिस्सा लिया। गोंदिया जिले के १० और गड़चिरोली जिले के ६२ आदिवासी युवकों ने ना सिर्फ पेशेवर धावकों के साथ १० किलोमीटर से २१ किलोमीटर हाफ मैराथन तक की दौड़ लगाई बल्कि रिकार्ड टाइमर बनाते हुए जीत दर्ज की और मुंबई मैराथन में गोंदिया के खिलाड़ियों ने परचम लहरा दिया।

अधूरे सपने की कसक लेकर गोंदिया से मुंबई पहुंचे
गोंदिया एसपी ऑफिस के तहत काम करने वाले प्रोपेगंडा नक्सल सेल की ओर से जिले के आदिवासी बच्चों के लिए खेलकूद की विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है, इन्हीं में से उत्कृष्ट खिलाड़ियों का चयन कर उन्हें व्यापक ट्रेनिंग दी जाती है जिसके बाद उन्हें बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाता है।

मुंबई मैराथन के लिए जिले के जिन १० लड़के-लड़कियों का चयन किया गया, उनमें से कोई भी पुलिस विभाग में काम नहीं करता, सभी दुर्गम क्षेत्र के युवा खिलाड़ी है और गांव में ही दौड़ की प्रैक्टिस करते है, इनको मैराथन वगैरह के बारे में कुछ भी नॉलेज नहीं था। एक तो दर्रेकसा के जमाकुड़ो आदिवासी आश्रमशाला स्कूल की छात्रा है।

नक्सल प्रोपेगंडा सेल के प्रभारी एपीआई बघेले ने खिलाड़ियों का चयन किया और जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे की ओर परमिशन सादर की तत्पश्‍चात गोंदिया जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे ने मुंबई के उपायुक्त हरीश बैजल के साथ मिलकर मैराथन की व्यापक रूपरेखा तैयार की। बैजल साहब ने सभी १० धावकों के एडमिशन की प्रक्रिया निर्धारित शुल्क भरकर पूर्ण की और मुंबई के अंधेरी इलाके के मोरल पीटीएस में खिलाड़ियों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई। इस तरह अधूरे सपने की कसक लेकर गोंदिया के ये आदिवासी युवा खिलाड़ी, जिला पुलिस विभाग में कार्यरित एलपीसी किरण राठोड़ तथा एनपीसी रिना चव्हाण के साथ मुंबई की धरती पर भाग्य आजमाने पहुंचे।

गोंदिया के रेसर रहे टॉपर
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा गन फायर कर रविवार सुबह ६.३० बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) से शुरू हुई मैराथान की इस १० किलोमीटर की दौड़ में हजारों धावकों ने शहर से होते हुए बांद्रा वर्ली सीलिंग, मरीन ड्राइव, महालक्ष्मी रेसकोर्स, हाजी अली और पेडर रोड पर दौड़ लगाई।

मुंबई के इस १० कि.मी. ड्रीम रन को सुभाष धनाजी लिल्हारे (रा. रावणवाड़ी त. गोंदिया) ने ३५.०४ मिनट में पूरा कर २५ से ३० उम्र के गुु्रप में प्रथम स्थान हासिल किया तथा ओवर आल में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। वहीं संदीप चौधरी (रा. बागरबंध त. गोरेगांव) ने ३५.५७ मिनट में पूरा कर १८ से २४ उम्र की कैटेगरी में सैकेंड रैंक हासिल किया। अमोल के.चचाने (रा.चिरेखानी त. तिरोड़ा) ने अपनी एज गु्रप २५ से ३० आयु गट में थर्ड रैंक हासिल किया। १० कि.मी. महिला धावकों की दौड़ में कु. वर्षा जोहनलाल पंधरे (रा. कोसमतरा त. सालेकसा) ने ४५.२३ मिनट की टाइमिंग के साथ अपनी १८-२० एज कैटेगरी में तीसरा स्थान हासिल किया। कु. वैशाली सुनील माटे (रा. बाजारटोला पो. काटी त. गोंदिया) यह अपनी ऐज कैटेगरी में तीसरे स्थान पर रही। वहीं कु. सीमा टेंभरे (रा. चिरचाड़बांध त. आमगांव) ने अपनी एज कैटेगरी में फोर्थ रैंक हासिल किया।

२१ किलोमीटर के हॉफ मैराथान में २ ने मारी बाजी
२१ किलोमीटर की हॉफ मैराथान में धावकों का जोश बढ़ाने फिल्म अभिनेता टाइगर श्रॉफ, राहुल बोस, गीतकार गुलजार और पर्यटनमंत्री आदित्य ठाकरे सहित बॉलीवूड की कई नामचीन हस्तियां पहुंची। सुबह ५.१५ बजे शुरू हुई इस दौड़ में गुरूदेव नरेंद्रकुमार दमाहे (रा. मुंडीपार पो. रजेगांव त. गोंदिया) ने रिकार्ड टाईमर १.१५.५० मैं पूरा करते हुए छठवां स्थान हासिल किया। वहीं दिनेश गजानन दाऊदसरे (रा. मुंडीपार पो. रजेगांव त. गोंदिया) ने १.१८.३० मिनट में पूरा कर सातवां स्थान हासिल किया। इन सभी ८ खिलाड़ियों ने लाखों की पुरस्कार राशि जीती है और गोंदिया जिले को गौरवान्वित किया है।

खिलाड़ियों के रोल मॉडल..हरीश बैजल
एैसे खिलाड़ी बड़े भाग्याशाली होते है, जिन्हें प्रशिक्षण, कोच, संरक्षक के रूप में हर दिन कुछ बेहतर करने की कोई प्रेरणा देता हो। गोंदिया के तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक तथा मौजुदा मुंबई क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त हरीश बैजल साहब उन्हीं चंद हस्तियों में शुमार है, जो अपना समय और धन निःस्वार्थ भाव से खिलाड़ियों पर निवेश करते है।

मैदान चाहे फुटबॉल का हो, साइकिलिंग ट्रैक का या फिर मैराथान का, स्पोर्ट्स सूट में हरीश बैजल साहब हमेशा ग्राऊंड पर मौजूद रहकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते दिखाई देते है।

अधूरे सपने की कसक लिए जब भी गोंदिया-गड़चिरोली जैसे आदिवासी बाहुल्य जिलों से खिलाड़ी मुंबई महानगर में पहुंचते है तो खिलाड़ियों की उचित देखभाल व मार्गदर्शन के लिए मुंबई क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त हरीश बैजल खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते दिखायी देते है।

एक बार फिर यह ऩजारा रविवार को मुंबई में आयोजित मैराथन दौड़ के दौरान दिखायी दिया। जब जिले के आदिवासी बच्चों के हौसला अफजाई करने हरीश बैजल साहब सपत्नीक पहुंचे तथा समूचे मैराथन मुकाबले तक वे डटे रहे और विजेता खिलाड़ियों को उज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनके साथ सेल्फी ली और उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया।

विजेता खिलाड़ियों ने अपनी सफलता का श्रेय गोंदिया जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे के साथ उपायुक्त हरीश बैजल को दिया, इनकी वजह से ही मुंबई मैराथन में शामिल होने के उनके सपने साकार हो सके।

रवि आर्य