मौदा: सोमवार को आए तूफ़ान में क्षत्र के कुछ बिजली के खंबों के गिर जाने के कारण मौदा तालुका के कई गांवों और स्थानों में बिजली आपूर्ति रुक गई है. लेकिन ऐसा लगता है कि महावितरण के अधिकारियों ने इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया और पर्याप्त मरम्मत संबंधित कार्रवाई नहीं की. हाल ही में बहुत बार तूफान आया है. सोमवार को खंडाला गाँव के शिवारा परिसर में बेमौसम बारिश और तूफ़ान के कारण बिजली आपूर्ति के तार टूट गए. लेकिन महावितरण के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
उसके बाद अगले दिन दोपहर 2 बजे स्थानीय नागरिक संदेश राजूजी बर्वे की गाय चरने गई थी. महावितरण प्रशासन क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं कर सकी और संबंधित नागरिक के खेत में बिजली की लाइनें टूटी अवस्था में है. परिणामस्वरूप संदेश राजूजी बर्वे की गाय की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई और बर्वे भी बाल बाल बचे. महावितरण प्रशासन के दृष्टिकोण से यह मामला बेहद चिंताजनक है. खंडाला गांव के उपसरपंच सनक झाड़े ने आरोप लगाया है कि महावितरण प्रशासन गहरी नींद में है और उनहें नींद से जगाना अत्यंत आवश्यक है.
यदि बर्वे की मृत्यु हो जाती, तो उसका ज़िम्मेदार कौन होता? महावितरण प्रशासन के कुप्रबंधन पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए झाड़े ने एक पत्रकार सम्मेलन में महावितरण प्रशासन को बिजली आपूर्ति का पूर्ण रखरखाव करने को कहा क्योंकि अभी भी ख़राब मौसम के चलते सप्लाई लाइन में बिजली उपकरण एवं वायर टूट रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया है.
नागार्धन से चचेर से लेकर खंडाला गांव तक पेड़ के खंभे और बिजली की लाइनें पूरी तरह से जुड़ी हुई एवं सुरक्षित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी लापरवाही चलती रही तो महावितरण प्रशासन के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने मृत गाय के मालिक को मुआवज़ा देने का आवाहन भी महावितरण प्रशासन को किया.