Published On : Fri, Mar 30th, 2018

राक्षसी लोग धर्म को संप्रदाय में बाँट रहे है – डॉ मोहन भागवत

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नागपुर: संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने एक ही धर्म के लोगो का विभिन्न संप्रदाय में बंटने पर चिंता जताई है। नागपुर में हिंदू धर्म संस्कृति मंदिर के अमृत वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहाँ एक धर्म के लोगो का संप्रदाय में बंटना खतरनाक है। देश के ही कुछ राक्षसी लोग इस काम में ही लगे है। लेकिन हमें मानव धर्म निभाना है लोग कितना भी प्रयास करे हमें ( हिन्दुओ ) को विभाजित नहीं होना है। धर्म और संविधान दोनों की एकता का निर्देश देते है जिसका पालन होना चाहिए। संघ प्रमुख की इस टिपण्णी को कर्नाटक में लिंगायत और वीरशैव संप्रदाय को अलग धर्म में मान्यता दिए जाने की शुरू कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

भागवत ने यह भी कहाँ कि जब से भारत हिंदू के अपने मूल स्वाभाव को भूला है तब से देश के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। आपस में विभाजन हो रहा है और धर्म स्थानों पर संकट निर्माण हो चुका है। हिंदू शब्द भारत की पहचान है। हिंदू और भारतीयता इन दोनों शब्दों का एक ही भाव है।

नागपुर के साइंटिफिक सभागृह में हिंदू धर्म संस्कृति मंदिर के अमृत वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में भागवत प्रमुख वक्त के रूप में उपस्थित थे। इस दौरान अपने भाषण में भागवत ने कई ऐतिहासिक घटनाओं का संदर्भ भी दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध उद्योगपति अरुण लाखानी ने की कार्यक्रम में महानगर संघचालक राजेश लाया,संस्था के अध्यक्ष गुरुनाथ भागवत और उपाध्यक्ष वंदना लाखानी मंच पर उपस्थित थी।

तकनीकी क्रांति ने पैदा की चुनौती – अरुण लाखानी
अपने उद्बोधन में अरुण लाखानी ने कहाँ हम अपने जीवन में सुख सुविधाओं के लिए ज्यादा प्रयासरत है लेकिन इसके दुष्परिणाम भी है। सुविधा चुनौतियों को पैदा करती है। तकनीकी क्रांति ने प्रकृति हो भारी नुकसान पहुँचाया। हमारा प्रयास होना चाहिए की बेहतर जीवन के लिए पर्यावरण को बचाया जाए। हर कोई ज़्यादा जीना चाहता है पर यह अहम नहीं है हमें चाहिए हम अच्छा और ख़ुशी-ख़ुशी जीवन जिए।